खुफिया एजैंसी रॉ से वसूलना चाहता है ये शख्स अपना वेतन

punjabkesari.in Wednesday, Mar 23, 2016 - 11:23 AM (IST)

अमृतसर (नीरज): एक तरफ जहां पाकिस्तान से रिहा होकर भारत आए 86 मछुआरे अपने घर वापस जाने के लिए पूरी तरह से उत्सुक नजर आ रहे हैं, वहीं पिछले महीने पाकिस्तान से रिहा अन्य 86 भारतीय मछुआरे के साथ आया सिविल कैदी इनायत उल्ला निवासी बारामूला (जम्मू-कश्मीर) अपने घर नहीं जा रहा है।

 

इनायत उल्ला का कहना है कि वह अपने घर जाने से पहले खुफिया एजैंसी रॉ के दफ्तर जाएगा और उनसे अपने वेतन वसूल करेगा। इनायत उल्ला का कहना है कि वह खुफिया एजैंसी रॉ के लिए काम कर रहा था और रॉ ने ही उसे पाकिस्तान भेजा था, फिलहाल इनायत उल्ला की इस जिद ने जिला प्रशासन को कानूनी दाव-पेंच में उलझा दिया है।  नियमानुसार जब इनायत उल्ला को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया और अटारी बार्डर पर इमीग्रेशन विभाग ने उसके सभी दस्तावेजों की जांच भी कर ली है तो उसको अब अमृतसर से उसके घर रवाना करना बनता है लेकिन इनायत उल्ला अपने घर जाने को तैयार नहीं है और रॉ के दफ्तर में जाना चाहता है। इसके लिए जिला पुलिस की तरफ से रॉ के अधिकारियों के अलावा इमीग्रेशन विभाग के साथ भी संपर्क किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है। 

 

उल्लेखनीय है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान से रिहा होकर आए किसी भारतीय कैदी ने रॉ के लिए काम करने का दावा किया हो और रॉ पर धोखेबाजी का आरोप लगाया हो। कई कैदी खुफिया एजैंसी रॉ पर आरोप लगा चुके हैं कि वह उनका प्रयोग तो करती है, लेकिन जब पाकिस्तान में पकड़े जाते हैं तो बाद में उनके परिवार की सुध नहीं लेती है। पाकिस्तान की कोटलखपत जेल व अन्य जेलों से छूट कर आने वाले सिविल कैदियों ने रॉ पर बहुत बुरे आरोप लगाए हैं, यहां तक कि पाकिस्तान की जेल में मारे गए भारतीय कैदी सर्बजीत सिंह को भी पाकिस्तान ने रॉ का एजैंट ही बताया था। 


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