सितारों का खेलः ग्रहों ने ही बोरिस बेकर को बनाया स्टार आौर फिर कंगाल

punjabkesari.in Friday, Feb 02, 2018 - 05:10 PM (IST)

जालन्धर  (धवन): सितारों का मनुष्य के जीवन में किस तरह से प्रभाव पड़ता है इसका स्पष्ट प्रणाम जर्मन टैनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर की कुंडली को देखने से पता चल जाता है। ज्योतिषी संजय चौधरी ने कहा कि बोरिस बेकर ने 17 वर्ष की आयु में ही विम्बल्डन चैम्प्यिनशिप को जीता। जून 2017 में बोरिस बेकर को कंगाल (बैंक क्रप्ट) घोषित किया गया। 22 नवम्बर 1967 को लेमैन जर्मनी में जन्मे बोरिस बेकर ने 1985 में ही 3 मिलियन डालर कमाए थे। 


उन्होंने कहा कि वृश्चिक लग्र में बेकर का जन्म हुआ तथा लग्नेश मंगल दूसरे घर में था। तीसरा घर खेलों का होता है जिसका स्वामी शनि पांचवें घर में है। 9वें घर का स्वामी चंद्रमा अपने घर में होने से राजयोग बना। शनि की पहली महादशा थी। तीसरे घर की महादशा हमेशा अच्छे नतीजे देती है इसलिए बोरिस बेकर बचपन में काफी होशियार थे तथा तीसरे घर की दशा में ही वह टैनिस खिलाड़ी बन गए। उसके बाद बुध की महादशा शुरू हुई जोकि 8वें व 11वें घर का स्वामी होकर 12वें घर में बैठा था। यह विपरीत राजयोग का एक अच्छा उदाहरण है। बेकर ने इस दशा में काफी मान-सम्मान तथा धन कमाया। बुध महादशा में शुक्र की अंतर्दशा 1990 से 1993 तक रही जिसमें उनका प्यार बारबरा फैल्टैस से हुआ। अप्रैल 1992 में उससे बेकर ने सगाई की। 7वें घर का स्वामी 11वें घर में नीच राशि में था तथा उस पर क्रूर शनि की दृष्टि थी। कुछ समय बाद बेकर ने जर्मनी की पॉप स्टार सबरीना सैटलर से अपने संबंधों को स्वीकार किया। फरवरी 2001 में जर्मन प्रैस ने लिखा कि बेकर एक लड़की का पिता बना। यह लड़की अब 11 वर्षों की है। इस तरह बेकर के वैवाहिक जीवन में लगातार कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले जिसका कारण नीच राशि का शुक्र था। 


उन्होंने कहा कि 2003 से 2010 तक बोरिस बेकर को केतू की महादशा रही जोकि 12वें घर में विराजमान है। इस दौरान खर्चों की भरमार रही। धीरे-धीरे उनका धन व सम्मान कम होता गया। शुक्र महादशा जोकि अक्तूबर 2010 में बेकर ने औपराचिक तौर पर अपनी रिटायरमैंट का ऐलान किया। शुक्र महादशा में राहू की अंतर्दशा 2017 में शुरू हुई जोकि एक-दूसरे से आठवें व छठे स्थान पर बैठे हुए थे इसलिए इस समय ने उन्हें बैंकक्रप्ट कर दिया। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News