Summer Vacation:पापा छुटिटयां शुरु हो गई,बीवी अजी मुझे भी फुर्सत से 2 दिन घुमा लाअो कहीं

punjabkesari.in Tuesday, May 17, 2016 - 12:50 PM (IST)

जालंधरः जून का माह अाया नहीं कि शुरू हो गए समर वेकेशनज पर जानें के चर्चे । स्कूली बच्चों को छुट्टियां हुई साथ में उनके परिजनों को भी थोड़ी राहत मिली। चलो इसी बहाने मां मायके जा अाएगी। पापा ऑफिस जाते हैं 2-3 दिन छुट्टी लेगें तो किसी हिल स्टेशन पर आऊटिंग पर हो अाएंगे।

रोज रात को होती है प्लानिंग

रात को सभी एक साथ बैठ कर खाना खाते है। उसी दौरान कहा जाएंगे को लेकर चर्चा होती है। सभी अपने-अपने सुझाव देते हैं लेकिन हर कोई एक-दूसरे को टोकता है कि यहां नहीं वहां जाना। अापकी इसी उलझन में हम देते हैं अापका साथ अौर बताते है कि  कहां जाएं अाप।

हिल स्टोशन में जाना है तो यहां की करें सैर

शिमलाः  ‘हिल स्टेशनों की रानी'' के रूप में भी जाना जाता है शिमला । इस जगह का यह नाम ‘माँ काली'' के दूसरे नाम ‘श्यामला'' से व्युत्पन्न है। जाखू, प्रॉस्पैक्ट,ऑव्सर्वेटरी, एलीसियम और समर इस जगह की महत्वपूर्ण पहाड़ियां हैं।  स्वतन्त्रता के बाद यह जगह कुछ समय तक पंजाब की राजधानी भी रही। बाद में शिमला को हिमाचल प्रदेश की राजधानी बना दिया गया। यहां का मौसम अापको काफी पसंद अाएगा। 

कुल्लू-मनालीः सैलानियों का स्वर्ग कहलाने वाली इस जगह में वे सारी खूबियां हैं जो किसी भी पर्यटन स्थल में होनी चाहिए। 

कुल्लू में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है, कहीं भी चले जाइए आपको निराश नहीं होना पड़ेगा फिर भी रोरिख कला दीर्घा, ऊरुसवती हिमालय लोक कला संग्रहालय और शाम्बला बौद्ध थंगका कला संग्रहालय देखने योग्य हैं। पूजा स्थलों में काली बाड़ी मंदिर, रघुनाथ मंदिर, बिजली महादेरु मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर अवश्य देखें।

मनाली - यहां पर कोठी, वन विहार, तिब्बती बाजार और माल, रहाला प्रपात, रोहतांग दर्रा, सोलांग घाटी, हिडिंबा देवी मंदिर, जगतसुख मंदिर इत्यादि दर्शनीय स्थल हैं।

मनीकरन- यहां पुराना हिंदू मंदिर और गुरुद्वारा है। मनाली से 85 और कुल्लू से 45 किलोमीटर दूर पर्वती घाटी में पवित्र तीर्थस्थल है। 

एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव की पत्नी पार्वती के कान का खोया हुआ झुमका यही से मिला था इसीलिए इस जगह का नाम मनीकरन पड़ा है। यहां पार्वती नदी के बर्फ की तरह ठंडे पानी के साथ-साथ गरम पानी का चश्मा है। हजारों लोग इस गरम पानी के चश्में में डुबकी लगाते हैं। यह चश्मा कई बीमारियों को दूर करने के लिए विख्यात है। यह पानी इतना गरम होता है कि दाल, चावल इसमें उबाले जा सकते हैं। 

लद्दाखः इंडस नदी के किनारे पर बसा ‘लद्दाख'' , जम्मू और कश्मीर राज्य का एक प्रसिद्ध पर्यटन-स्थल है। इस स्थान को लास्ट संग्रीला, लिटिल तिब्बत, मून लैंड या ब्रोकन मून आदि के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य शहर ‘लेह'' के अलावा, इस क्षेत्र के समीप कुछ प्रमुख पर्यटन-स्थल जैसे, अलची, नुब्रा घाटी, हेमिस लमयोरू, जांस्कर घाटी, कारगिल आदि भी स्थित हैं। सुन्दर झीलें और मठ, मन को सम्मोहित कर देने वाले परिदृश्य और पहाड़ की चोटियां यहां की आकर्षक विशेषताएं हैं। राज्य में बोले जाने वाली आम भाषाओं में लद्दाखी, पुरिग, तिब्बतन, हिन्दी एवं अंग्रेजी शामिल हैं।  

तवांगः अरुणाचल प्रदेश के सबसे पश्चिम में स्थित तवांग जिला अपनी रहस्यमयी और जादुई खूबसूरती के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस जिले की सीमा उत्तर में तिब्बत, दक्षिण-पूर्व में भूटान और पूर्व में पश्चिम कमेंग के सेला पर्वत श्रृंखला से लगती है।  

दार्जिलिंगः भारतीय फिल्मों में तो आपने दार्जिलिंग को कई बार देखा होगा। हॉलीवुड की भी एक फिल्म में विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे को दिखाया गया है। यह एक छोटी रेलवे सेवा जो पर्वतों से होकर गुजरती है। इस सफर में आप विहंगम प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं। दरअसल दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल में स्थित एक हिल स्टेशन है और आप यहां बर्फ से ढंकी चोटियां देख सकते हैं। देखा जाए तो लघु हिमालय यानी महाभारत पर्वत श्रृंखला में बसा दार्जिलिंग वास्तव में स्वर्ग सरीखा है। दार्जिलिंग शहर ब्रिटिश शासनकाल से ही पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता रहा है।

 

 

 

 


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