पाबंदी के बावजूद ब्लैक में बिक रही है चाइना डोर

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2018 - 03:23 PM (IST)

बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदी के बावजूद चाइना डोर शहर में धड़ल्ले से बिक रही है। शहर में जितनी इस डोर पर पाबंदी थी, उतनी ही यह डोर ब्लैक में बिक रही है। हालांकि चाइना डोर को लेकर पुलिस द्वारा कई केस भी दर्ज हुए, परन्तु लोग बेखौफ होकर छतों पर पतंगें उड़ा रहे हैं। आलम यह है कि प्रत्येक छत पर बच्चे से लेकर बड़े तक चाइना डोर से पतंगबाजी कर रहे हैं। यह डोर जहां कई पक्षियों की जान ले चुकी है, वहीं अनेक दोपहिया वाहन चालकों को भी अपना शिकार बना चुकी है। गत दिवस ही भाजपा नेता कुलदीप साहौरिया के पौत्र अरमान साहौरिया को एस.डी. कालेज वाले ओवरब्रिज के ऊपर चाइना डोर ने अपना शिकार बनाया। जहां उसके चेहरे पर चोट आई, वहीं उसकी अंगुली भी कट गई।

क्या कारण है धड़ल्ले से चाइना डोर बिकने का
प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाने के बावजूद चाइना डोर धड़ल्ले से बिक रही है आखिर इसके पीछे कारण क्या है। पुलिस द्वारा भी डोर बेचने वालों के विरुद्ध केस दर्ज किए जा रहे हैं परन्तु चाइना डोर की बिक्री बंद नहीं हो रही। इसके पीछे मुख्य कारण चाइना डोर को जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा 144 के हुक्मों तहत बेचने से मना किया जाता है। 

यदि कोई 144 के आदेशों की परवाह नहीं करता तो उसके लिए बहुत मामूली सजा तथा थाने में ही उसकी जमानत का प्रावधान है, जिस कारण चाइना डोर बेचने वालों के हौसले बुलंद हैं तथा वे अब तो चाइना डोर में होते मुनाफे को देखकर इस डोर की होम डिलीवरी भी करने लगे हैं। 

चाइना डोर के आगे नहीं टिकती देसी डोर
परिजनों के कहने पर कई बच्चे यदि देसी डोर के साथ पतंग उड़ाते हैं तो चाइना डोर के साथ पतंग उड़ाने वाले देसी डोर वालों की पतंग घर की छत से निकलते ही काट देते हैं। कई लोग तो पतंग के कट हो जाने पर बेइज्जती महसूस करते हैं जिसके चलते ज्यादातर लोग देसी डोर से दूर रहकर चाइना डोर का प्रयोग करते है।


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