वेतन न मिलने पर फिर मामला भड़का, निगम कर्मचारी हड़ताल पर

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 11:55 AM (IST)

अमृतसर(रमन): नगर निगम में कर्मचारियों के वेतन को लेकर एक बार फिर मामला गर्मा गया है। इससे एक बार फिर यूनियन एवं कर्मचारियों ने संघर्ष का रास्ता अख्तियार कर लिया है।

सोमवार को सांझी संघर्ष कमेटी के प्रधान हरजिन्द्र वालिया ने अपने साथियों सहित निगम कार्यालय एवं जोन ऑफिस में कैश काऊंटर एवं प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर सप्लाई विभाग में हो रही रिकवरी को बंद करवाया जिससे निगम को काफी नुक्सान भी हुआ। इस दौरान कर्मचारियों ने निगम प्रशासन एवं सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली व नारेबाजी की। कमिश्नर अमित कुमार थोड़ी देर के लिए ही निगम में आए व वह भी वापस लौट गए। शहर से अपने काम करवाना आए लोग निगम कार्यलय में सारा दिन परेशान होते रहे। 

उन्होंने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। निगम के वित्तीय हालात इतने खराब हो चुके हैं कि निगम का दीवाला निकल चुका है। प्रधान वालिया ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसा नहीं है तो उन्हें फाइनैंशियल एमरजैंसी घोषित कर कर्मचारियों को घर बैठा देना चाहिए। कई कर्मचारियों को 3-3 माह से वेतन नहीं मिला, जिसको लेकर उन्हें कर्ज लेकर अपनी रोजी-रोटी चलानी पड़ रही है। निगम का हर एक कर्मचारी काला त्यौहार मनाने को मजबूर हो रहा है, वेतन न मिलने से अब अधिकारी एवं कर्मचारी अमृतसर निगम से अपने तबादले करवाने लगे हैं। उन्होंने बताया कि बाहर निगमों में 7 तारीख तक वेतन मिल जाता है, लेकिन मंत्री के अपने गृह क्षेत्र में निगम कर्मचारियों को 3-3 माह वेतन नहीं मिला है।

निगम खर्चे पूरे करने में विफल
निगम में साढ़े 14 करोड़ रुपए के करीब वेतन कर्मचारियों को जाता है। अपने खर्चे पूरे करने में बुरी तरह से विफल साबित हो रहे निगम के लिए विकास पर पैसे खर्च करना तो दूर की बात है। नतीजा गुरु नगरी का सारा विकास पंजाब व केंद्र सरकार से आने वाली ग्रांटों पर ही निर्भर होकर रह गया है।  


 


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