कैंसर की नामुराद बीमारी का दैत्य पंजाब के लोगों को निगल रहा :सुखपाल
punjabkesari.in Monday, Nov 13, 2017 - 11:11 AM (IST)
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): गुरुओं-पीरों व शहीदों की धरती के नाम से जाने जाते पंजाब को पता नहीं किस की नजर लग गई है कि कैंसर की नामुराद बीमारी का दैत्य पंजाब के लोगों को खा रहा है। पंजाबी यूथ क्लब भागसर के अध्यक्ष सुखपाल सिंह गिल व किसान नेता जसबीर सिंह बराड़ ने बातचीत करते हुए कहा कि अब तक हजारों कैंसर पीड़ित इस जंग में जूझ रहे हैं और हजारों लोग परमात्मा को प्यारे हो चुके हैं। हजारों पीड़ित चारपाई पर पड़े हैं। भले पूरे पंजाब में कैंसर की बीमारी के मरीज हैं परंतु मालवा क्षेत्र के जिलों श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, मोगा, मानसा, बरनाला, संगरूर व बठिंडा आदि में तो इस बीमारी ने अपने पैर पूरी तरह से पसारे हुए हैं।
मालवा के कई गांव तो ऐसे हैं, जहां कैंसर से मरने वालों की संख्या 50 तक पहुंच चुकी है। प्रत्येक गांव में कैंसर से मौतें हो चुकी हैं। पंजाब सरकार को इस बीमारी की ओर ध्यान देने की जरूरत है, नहीं तो कैंसर प्रत्येक व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेगा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अभी तक भी कई जगहों पर पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता, क्योंकि धरती निचला पानी खारा है। सरकार द्वारा लगाए गए साफ पानी वाले आर.ओ. सिस्टम कई गांवों में बंद पड़े हंै व उन्हें चलाने के लिए सरकार की तरफ से कोई भी कवायद नहीं हो रही है।
कैंसर का कोई बड़ा अस्पताल भी राज्य में नहीं
पंजाब में कैंसर की बीमारी का कोई बड़ा अस्पताल नहीं है। जिस कारण मालवे के कैंसर पीड़ितों को अपना उपचार करवाने के लिए दूर-दूर के अस्पतालों में जाना पड़ता है। अधिक लोग तो राजस्थान के शहर बीकानेर की ओर मुंह करते हंै। बीकानेर के कैंसर अस्पताल में पंजाब के मरीजों की संख्या हर समय सैंकड़ों में रहती है। ऐसा लगता है कि जैसे पंजाब को कैंसर ने खा लिया है। 40 हजार से अधिक मौतें कैंसर से हुईं जो रिपोर्टें मिली है, उनके अनुसार 2001 से लेकर गत 17 वर्षों में 40 हजार से अधिक मौतें कैंसर की बीमारी से हुई हैं। इस समय भी पंजाब भर में 10 हजार से अधिक व्यक्ति इस खतरनाक बीमारी से पीड़ित हैं।
कैंसर ने प्रत्येक वर्ग की उम्र के व्यक्तियों को जकड़ा
इस खतरनाक बीमारी ने प्रत्येक वर्ग की उम्र के व्यक्तियों को जकड़ा है व यहां तक कि छोटे बच्चों को भी नहीं बख्शा। जानकारी के अनुसार कई परिवार तो ऐसे हैं, जिनमें दो या दो से अधिक व्यक्तियों की मौत कैंसर से हुई है। डाक्टरों से मिले विवरण के अुनसार कैंसर के मरीजों में महिलाओं की संख्या 65 प्रतिशत है, जबकि पुरुषों की संख्या 35 प्रतिशत है। महिलाओं की छाती के कैंसर अधिक हैं। गले का कैंसर, पेट का कैंसर व ब्लड कैंसर वाले मरीजों की संख्या भी कम नहीं है।
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