घरेलू गैस के दाम बढ़ने पर लोगों में पनपा रोष

punjabkesari.in Thursday, Nov 02, 2017 - 10:05 AM (IST)

बठिंडा(परमिंद्र): महंगाई के दौर में जहां लोग पहले ही रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं की सूची छोटी कर रहे हैं, वहीं सरकार की ओर से लगातार जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ाकरकरोड़ों का अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। इसके तहत ही अब सरकार के संरक्षण में चल रही गैस कम्पनियों ने रसोई गैस सिलैंडर की कीमतों में 93 रुपए की वृद्धि कर दी है जिससे रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। 

इससे पहले घरेलू रसोई गैस सिलैंडर के लिए 682 रुपए अदा करने पड़ते थे जबकि होम डिलीवरी के चाॢजस अलग से लिए जाते थे। उपभोक्ता के खाते में 183 रुपए सबसिडी के वापस आ जाते थे। अब सिलैंडर के लिए करीब 775 रुपए अदा करने पड़ेंगे जबकि करीब 271 रुपए सबसिडी के रूप में वापस आ जाएंगे। ऐसे में सिलैंडर पहले के मुकाबले (होम डिलीवरी मिलाकर) 5 से 25 रुपए तक महंगा पड़ेगा। 

क्या है लोगों की राय

गैस सिलैंडर तथा अन्य पैट्रोलियम पदार्थों के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं जिससे लोगों पर भारी बोझ पड़ रहा है। गैस के दाम बढऩे के कारण घरों के अलावा व्यावसायिक स्थलों का खर्च भी बढ़ेगा। वैसे भी गैस एजैंसियों द्वारा कुछ पैसे अधिक ले लिए जाते हैं जिन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। -परमजीत सिंह दातेवासिया

सोई गैस के लगातार बढ़ाए जा रहे मूल्य के कारण रसोई का बजट गड़बड़ा रहा है। पहले ही महंगाई ने लोगों का जीना दूभर किया हुआ है। लोगों ने राशन में भी कटौती करनी शुरू कर दी है। ऐसे में सरकार को गैस के दाम नियंत्रित करने चाहिएं ताकि लोगों पर कोई अधिक बोझ न पड़े।-जसवीर कौर

महंगाई ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है व आम आदमी से 2 वक्त की रोटी खाने का अधिकार भी छीना जा रहा है। रसोई गैस सबसे जरूरी सुविधा है व इसके दाम नियंत्रित करने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिएं। अगर गैस के दाम इसी प्रकार बढ़ते रहे तो जीना दूभर हो जाएगा। -सरबजीत अरोड़ा

केंद्र की सरकार लोगों को महंगाई कम करने के सपने दिखाकर सत्ता में आई थी लेकिन बढ़ती महंगाई पर कोई अंकुश नहीं लगाया गया। हर वस्तु लोगों की पहुंच से दूर जा रही है। रसोई गैस के दाम लगातार बढऩे से महिलाओं की ङ्क्षचता बढ़ रही है क्योंकि उनका बजट गड़बड़ाने लगा है।   -अनीता रावत


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News