गुजरात चुनाव में फंडिंग की एवज में मोदी सरकार स्टील कार्टल को दे रही संरक्षण

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 10:46 AM (IST)

लुधियाना (बहल): स्टील के रेटों में बेतहाशा वृद्धि से खफा होकर महानगर लुधियाना के सैकेंडरी कारोबारियों ने विश्वकर्मा चौक पर मोदी सरकार व स्टील कम्पनियों के खिलाफ स्टील कार्टल और मोदी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाकर जमकर भड़ास निकाली।

फैडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीयल एंड ट्रेड पंजाब के बैनर तले लगाए गए इस रोष धरने में फास्टनर निर्माता संघ प्रधान नरेंद्र भमरा, सी.आई.सी.यू. प्रधान उपकार सिंह आहूजा, यू.सी.पी.एम.ए. प्रधान इंद्रजीत नवयुग, चरणजीत विश्वकर्मा, अवतार भोगल, प्रदीप वधावन, सिलाई मशीन संघ प्रधान जगबीर सोखी, जनता नगर संघ प्रधान जसविन्द्र ठुकराल, पंजाब व्यापार मंडल लुधियाना प्रधान राधेशाम आहूजा व राम लुभाया ने देश में बड़ी स्टील कम्पनियों द्वारा मनमर्जी से स्टील के रेटों में वृद्धि के पीछे खुद को देश का प्रधान सेवक बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हाल ही में गुजरात में हुए वि.स. चुनाव में बड़े औद्योगिक स्टील घरानों से फंड लेने की एवज में उन्हें देश के एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को लूटने की खुली छूट दी है।

औद्योगिक नेताओं ने कहा कि जी.एस.टी. लागू होने के 5 माह भीतर ही स्टील कम्पनियों ने अपने उत्पादों के दाम 8000 रुपए प्रति टन बढ़ा दिए हैं। स्टील कम्पनियों ने मोदी सरकार की शह पर 1 माह में 4 से 5 बार रेटों में वृद्धि की है, जिससे स्टील उपभोक्ता इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज तालाबंदी की कगार पर पहुंच चुकी है। कारोबारियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्टील कार्टल को सरकारी संरक्षण मिलने के कारण प्राइम स्टील का निर्यात धड़ल्ले से किया जा रहा है, जबकि बाईसाइकिल इंडस्ट्रीज, आटो पार्ट्स, फास्टनर, मशीन टूल, इलैक्ट्रिक इंडस्ट्रीज, हैंड टूल इंडस्ट्रीज प्राइम स्टील की कृत्रिम शॉर्टेज व रेटों में तेजी से त्राहि-त्राहि कर रही है। सरकार ने स्टील कार्टल के इशारों पर स्टील के आयात पर एंटी डमिं्पग ड्यूटी व एम.आई.पी. लगाई है।कारोबारियों ने कहा कि भारत में आयरन और बड़े स्टील प्लांटों को सस्ते दामों पर मिलने के बावजूद भी रेटों में वृद्धि हो रही है। देश से कच्चा माल चीन को निर्यात करने के बाद चीन से तैयार स्टील और प्रोडक्ट्स भारत में आकर सस्ते रेटों पर बिक रहे हैं, जिससे इंडस्ट्रीज प्रतिस्पर्धा से बाहर होने लगी है। 


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