गुरदासपुर में ‘खूनी चौक’ के नाम से बदनाम बरियार बाईपास

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 12:04 PM (IST)

गुरदासपुर(विनोद): वैसे तो गुरदासपुर शहर सहित आस-पास के कस्बों में बने चौकों में सड़क हादसे होते रहते हैं तथा कभी-कभी इन हादसों में लोगों के मरने का समाचार भी प्रकाशित होता रहता है क्योंकि अधिकतर चौकों में न तो डिवाइडरों पर रिफलैक्टर लगे हुए हैं तथा न ही कहीं पर ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम है। यही कारण है कि लोग यातायात संबंधी जितनी मर्जी एहतियात बरतें हादसों से बच नहीं पा रहे हैं।

बरियार चौक में बीते 2 साल में 48 एक्सिडैंट हो चुके हैं 
जिला गुरदासपुर में कई चौक तथा फ्लाईओवर बने हुए हैं परंतु गुरदासपुर का बरियार बाईपास चौक जहां से पठानकोट की तरफ से आने वाले वाहनों को गुरदासपुर में प्रवेश करने के लिए रास्ता बना हुआ है, यही एकमात्र ऐसा चौक है जहां पर सबसे अधिक फ्लाईओवर की जरूरत होने के बावजूद नैशनल हाईवे वालों ने फ्लाईओवर नहीं बनाया है तथा इस गलती के चलते इस बरियार चौक में बीते 2 साल में 48 एक्सिडैंट हो चुके हैं तथा 20 से अधिक लोगों की मौत, 60 से अधिक गंभीर घायल हो चुके हैं। मरने वालों में बेअंत कालेज ऑफ इंजीनियरिंग गुरदासपुर के 2 छात्र, 2 दम्पति भी शामिल हैं।


बीते 3 सालों में जिला गुरदासपुर में कुल 120 सड़क हादसे हुए, 120 की मौत हुई तथा 195 व्यक्ति पूरे जिले मे घायल हुए हैं परंतु बरियार बाईपास खूनी चौक में मात्र 2 साल में ही 20 व्यक्ति अपनी जान गंवा बैठे हैं। इस बरियार बाईपास चौक के बिल्कुल साथ ही एक मैरिज पैलेस तथा एक विशाल होटल है। जब भी इस मैरिज पैलेस में कोई विवाह समारोह होता है तो तब बहुत अधिक संख्या में लोग अपने वाहन सड़क पर ही खड़े कर देते हैं जो एक्सिडैंट का कारण बनते हैं।  

क्यों होते हैं इस चौक में बहुत अधिक एक्सिडैंट
बरियार बाईपास चौक पर आए दिन हादसे होने के कारण यह चौक लम्बे समय से चर्चा में है। इस चौक में पठानकोट, जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश से आने वाले वे वाहन जिन्हें बाईपास से निकलने की बजाय गुरदासपुर शहर में आना होता है उन्हें इस चौक से गुरदासपुर शहर की तरफ टर्न करना होता है परंतु अमृतसर की तरफ से आने वाले वाहन बाईपास होने के कारण बहुत तेजी से आते हैं तथा इनका पठानकोट से गुरदासपुर शहर की तरफ जाने वाले वाहनों से टकराना एक आम बात हो चुकी है। 

जब भी इस बाईपास पर कोई हादसा होता है तो इस चौक के आस-पास के गांवों के लोग इस चौक में धरना देते हैं तथा अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंच कर जल्दी ही फ्लाईओवर बनाने का वायदा किया जाता है परंतु उसके बाद फिर मामला ठप्प हो जाता है। बीते दिनों इसी चौक में एक दम्पति की मौत सड़क हादसे के कारण हो गई थी तो लोगों ने धरना देकर फिर फलाईओवर बनाने की मांग की तो पुलिस ने धरना देने वालों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया। तब लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। उसके बाद एक्सिडैंट तो हुए परंतु लोगों ने फलाईओवर की मांग को लेकर धरना नहीं दिया।

पुलिस द्वारा चौक में बनाया स्थायी नाका कुछ दिन बाद बंद कर दिया 

इस चौक में सड़क हादसों के कारण पुलिस ने यहां पर एक स्थायी नाका स्थापित करने की घोषणा की थी तथा उसके लिए एक अस्थायी कमरा भी बनाया गया था। कुछ रोज यहां पर पुलिस कर्मचारी ड्यूटी देते दिखाई दिए तथा पठानकोट से शहर की तरफ जाने वाले वाहनों को सुरक्षित रास्ता दिलाते थे। इस संबंधी पुलिस ने काफी वाह-वाही भी लूटी थी परंतु कुछ दिन बाद ही यह नाका हटा लिया गया। बरियार बाईपास पर बना कमरा भी अब बेकार पड़ा है तथा उसके अंदर लगी शीटें भी लोग चोरी कर ले जा चुके हैं।


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