लाइसैंसी शिकारियों ने आधा दर्जन नील गऊओं का किया शिकार
punjabkesari.in Sunday, Dec 17, 2017 - 09:50 AM (IST)
बठिंडा(बलविंद्र): गांव गुरथड़ी में लाइसैंसी शिकारियों ने आधा दर्जन नील गऊओं को शिकार कर मार गिराया, जिसका गांव वासियों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है परन्तु वन विभाग सिर्फ एक नीलगाय के शिकार की ही पुष्टि कर रहा है। गांव वासियों में भारी रोष है, जिन्होंने ऐलान किया है कि वह इस मामले को हाईकोर्ट तक लेकर जाएंगे।
क्या है मामला
सुबह गांव गुरथड़ी के खेतों में गोलियां चलने की आवाज आई जिस पर गांव वासी खेतों की तरफ दौड़ गए। गांव वासियों ने देखा कि स्कोर्पियों व जीप पर सवार कुछ व्यक्ति नील गऊओं का शिकार कर रहे हैं। मौके पर एक नीलगाय मृत पड़ी थी जिसको जीप में डालने की कोशिश की जा रही थी परन्तु गांव वासियों ने उनको घेरकर रोक लिया और थाना रामां मंडी की पुलिस को सूचित किया।
लाइसैंस लेकर शिकार किया जा सकता है : डी.एफ.ओ.
डी.एफ.ओ. हरभजन सिंह ने बताया कि कुछ माह पहले पंजाब सरकार द्वारा नोटीफिकेशन हो चुका है सूअर व नील गाय का शिकार किया जा सकता है परन्तु संबंधित व्यक्ति को उसके लिए बकायदा लाइसैंस लेना पड़ता है। उक्त घटना में शामिल हरदित्त सिंह निवासी मछाना के पास 2 नील गऊओं के शिकार करने का लाइसैंस है, जो उसको 15 दिसम्बर 2017 को जारी किया गया। इसी दौरान रेंज अधिकारी गुरपाल सिंह ने बताया कि मौके पर नील गाय का शिकार हुआ, जिसके बारे में उनको सूचित किया गया। अगर अधिकतर गऊओं के मारे जाने की सूचना या सबूत मिलता है तो वह इस संबंधी जांच करेंगे।
‘एक गाय की मौत व अन्य घायल अवस्था में फरार’
गांव वासी बलजीत सिंह जब अपने दोस्त के साथ खेतों में पहुंचा तो कुछ व्यक्ति नील गऊओं पर गोलियां चला रहे थे। एक गाय मर चुकी थी जबकि अन्य जख्मी हालत में वहां से फरार हो चुकी थीं। हो सकता है कि वह आसपास के गांव तक पहुंचकर मर जाएं। शिकारियों ने उनको लाइसैंस भी दिखाया लेकिन वह भी फर्जी लग रहा था।
उनके गांव में भारी रोष है, इसलिए वे उक्त शिकार के खिलाफ जिला स्तर पर रोष करने के अलावा यह मामला हाईकोर्ट में भी ले जाएंगे। अन्य गांव वासियों का कहना था कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है, जिससे सारा गांव खिलाफ है और वह सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे। अगर कार्रवाई न हुई तो वह संघर्ष करने के लिए भी मजबूर होंगे।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
थाना रामां मंडी के जांच अधिकारी साधु सिंह का कहना है कि सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे, जहां एक नील गाय को मारा गया। वन विभाग की टीम ने वहां पहुंचकर शिकारी का लाइसैंस चैक किया, जो सही पाया गया। इसलिए नील गाय भी शिकारी को दे दी गई और इस संबंध में कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही।