बनूड़ कैश वैन लूटकांड में 10 माह बाद मिले पुलिस को सुराग

punjabkesari.in Saturday, Mar 31, 2018 - 12:25 PM (IST)

लुधियाना(पंकज): 2 मई, 2017 को पटियाला-बनूड़ रोड पर चितकारा  यूनिवर्सिटी के समीप ए.टी.एम. में कैश डालने जा रही कैश वैन से हथियारबंद लुटेरों द्वारा की गई 1.33 करोड़ रुपए की लूट के मामले को सुलझाने में असफल पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे हैं। आने वाले दिनों में पुलिस इस वारदात में संलिप्त आरोपियों के नाम उजागर कर सकती है। पंजाब पुलिस द्वारा मार्च माह के पहले सप्ताह में लुधियाना-समराला रोड से गिरफ्तार किए गए कैटागरी के गैंगस्टर तीर्थ सिंह ढिलवां, जिस पर 2 लाख रुपए का इनाम था, ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि बनूड़ में कैश वैन से हुई लूट में मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जयपाल व काका बलवान के साथ वह भी शामिल था। पुलिस एनकाऊंटर में मारे गए प्रेमा लाहौरिया व विक्की गौंडर के करीबियों में शुमार ढिलवां के इकबाल-ए-जुर्म ने 10 माह पहले हुई वारदात की फाइल पर जमी धूल को साफ कर दिया है। खन्ना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मानें तो ढिलवां रोपड़ में वर्ष 2016 में हुई 17.5 लाख रुपए की लूट में भी इसी गिरोह का हाथा था। लुटेरों ने ड्राइवर सुखवंत की बाजू में गोली भी मारी थी।

जगराओं में भी हुई थी 1.63 करोड़ की लूट
13 जुलाई, 2015 को जगराओं के किलीचला गांव में भी ए.टी.एम. में कैश डालने जा रही कैश वैन से हथियारबंद लुटेरों ने 1.63 करोड़ रुपए की लूट की थी। वह मामला भी अभी तक सुलझ नहीं पाया है। कुल 6 लुटेरों के पास ए.के.-47 के अलावा भी कई हथियार थे। वैन के ड्राइवर राम आसरा, सिक्योरिटी गार्ड भरपूर सिंह व भानू प्रताप के अतिरिक्त कम्पनी स्टाफ को झांसा देते हुए लुटेरे कैश वाला बैग लेकर स्विफ्ट कार में फरार हो गए थे। लुटेरों ने स्टाफ को माहौल खराब होने व वैन पीछे लगाने को कहा व मौका मिलते ही कैश लेकर निकल गए।

मोहाली में 1.20 करोड़ की हुई थी लूट
हथियारबंद लुटेरों द्वारा मोहाली में 10 मार्च, 2015 को भी इसी तर्ज पर वारदात को अंजाम दिया गया था। स्टाफ की आंखों में मिर्ची पाऊडर डालकर आरोपी नकदी ले भागे थे।

जयपाल बना पुलिस के लिए सिरदर्द
राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी व पुलिस मुलाजिम का बेटा जयपाल, जिसने कालका के समीप गैंगस्टर से नेता बनने का सफर तय कर रहे रॉकी की साथियों सहित निर्मम हत्या की थी। गौंडर व प्रेमा लाहौरिया का करीबी जयपाल किसी भी वारदात के बाद पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। अब पंजाब पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।

कैश वैन ही लुटेरों का निशाना क्यों
पंजाब में आधा दर्जन के करीब कैश वैनों से हुई लूट की वारदातों में लुटेरे करोड़ों रुपए लूट चुके हैं, ज्यादातर मामले अनसुलझे हैं। हालांकि जालंधर पुलिस ने अपने एरिया में हुई वारदात को सुलझा लिया था। कैश डालने जाने वाली वैन में नकदी करोड़ों की होती है, वहीं सुरक्षा के नाम पर मात्र 1-2 गनमैन होते हैं, जिनके पास 12 बोर की गन होती है। ज्यादातर सुरक्षा कर्मी रिटायर्ड आर्मी मैन होते हैं। नौजवान लुटेरों के पास स्फैस्टीकेड वैपन होते हैं, जिनका मुकाबला करना कठिन होता है जिस कारण लुटेरों के निशाने पर कैश वैन ही रही हैं।


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