फतेहगढ़ साहिब में बदले समीकरण, नए चेहरों के बीच हो सकती है जंग-कमजोर हुई ‘आप’

punjabkesari.in Saturday, Jan 06, 2018 - 08:16 AM (IST)

फतेहगढ़ साहिबः पंजाब की लोकसभा सीटों के विश्लेषण की इस सीरिज में आज हम बात करेंगे फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट की। पिछले चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने अप्रत्याशित तरीके से इस सीट पर जीत दर्ज कर ली थी। पार्टी के उम्मीदवार हरिंद्र सिंह खालसा को यहां 3,67,293 वोट मिले थे और उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार साधु सिंह को करीब 54475 मतों के अंतर से मात दे दी थी। अकाली दल इस सीट पर 3,12,815 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहा था। पंजाब केसरी के संवाददाता नरेश कुमार बता रहे हैं कि इस सीट पर मौजूदा सांसद के अपनी पार्टी के साथ रिश्तों के अलावा अन्य सियासी समीकरण भी आने वाले चुनाव में इस सीट पर टिकट के आबंटन में अहम भूमिका निभाएंगे लिहाजा इस सीट पर जंग लडऩे वाले चेहरे बदल सकते हैं। 


आम आदमी पार्टी से बागी खालसा
संसद में पहुंचने के कुछ समय बाद ही हरिंद्र सिंह खालसा का पार्टी से मनमुटाव हो गया और उन्होंने पार्टी के अंदर व बाहर अलग लाइन पर राजनीति शुरू कर दी। हाल ही में खालसा की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आई एक तस्वीर से खालसा के अगले राजनीतिक कदम को लेकर क्यास लगने शुरू हो गए हैं। 
लिहाजा माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से खालसा को अगले चुनाव में टिकट नहीं मिलेगी। सियासी हलकों में यह भी चर्चा है कि इस संभावना को देखते हुए ही खालसा ने अपनी पोजीशङ्क्षनग शुरू कर दी है। 

 

संंसद में हाजिरी    80'
बहस में हिस्सा    1
सवाल पूछे    43


ऐसे रही  हरिंद्र सिंह खालसा की संसद में हाजिरी
पहला सत्र    100'
दूसरा सत्र    96'
तीसरा सत्र    68'
चौथा सत्र    86'
पांचवां सत्र    71'
छठा सत्र    95'
सातवां सत्र    75'
आठवां सत्र    38'
नौवां सत्र    100'
दसवां सत्र    67'
ग्यारहवां सत्र    69'
बारहवां सत्र    84'
तेरहवां सत्र    91'


फंड का ब्यौरा
जारी फंड      17.50 करोड़
ब्याज सहित फंड     19.34 करोड़
खर्च फंड    14.29 करोड़
बचा फंड    5.05 करोड़
कुल फंड खर्च     81.66'
नोट : फंड का सारा डाटा एमपीलैड की सरकारी वैबसाइट से लिया गया है। जमीनी स्तर पर नोडल अफसर के पास खर्च का आंकड़ा अलग हो सकता है। 


     

कांग्रेस         अकाली-भाजपा         ‘आप’ 
    2014    2017    2014    2017    2014    2017
बस्सी पठाना    28416    47319    27935    24852    40033    37273
फतेहगढ़ साहिब    35654    58205    28718    34338    36591    29393
अमलोह    35620    36669    31741    35723    27595    30573
खन्ना    41316    55690    31565    31845    39509    35099
समराला    35139    51930    40244    38114    40745    40925
साहनेवाल    51620    58633    56188    63184    35415    39570
पायल    35633    57776    37459    33044    42213    36280
रायकोट    18985    37631    24952    29019    59482    48245
अमरगढ़    30745    50994    33980    39115    45648    36063

 

फतेहगढ़ साहिब में कमजोर हुई ‘आप’


2014 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने फतेहगढ़ साहिब सीट के तहत आने वाली 9 विधानसभा सीटों में से बस्सी पठाना, फतेहगढ़ साहिब, समराला, पायल, रायकोट व अमरगढ़ की 6 विधानसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था लेकिन 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी अपनी इस सफलता को बरकरार नहीं रख सकी और पार्टी की बढ़त महज रायकोट सीट पर ही सीमित रह गई जबकि कांग्रेस ने बस्सी पठाना, फतेहगढ़ साहिब, समराला, पायल, अमरगढ़ की सीटों के साथ-साथ अमलोह व खन्ना सीटों पर भी बढ़त बना ली। 
वोटों की संख्या के लिहाज से भी फतेहगढ़ साहिब में आम आदमी पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है। ‘आप’  को 2014 में यहां 3,67,293 वोट हासिल हुए थे जो 2017 में कम होकर 333421 वोट रह गए और पार्टी की वोटों में 33,872 वोटों की कमी हुई है, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस को 2014 में हासिल हुए 313149 वोटों के मुकाबले 2017 में 454847 वोट हासिल हुए और पार्टी की वोटों में 141698 वोटों का इजाफा हुआ है। अकाली दल को भी 2017 में 2014 के मुकाबले ज्यादा वोट मिले हैं। अकाली दल को लोकसभा चुनाव के दौरान 312815 वोट हासिल हुए थे जोकि 2017 में बढ़कर 329234 वोट हो गए और पार्टी की वोटों में 16,419 वोटों का इजाफा हुआ है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News