चीन-पाक को सबक सिखाने के लिए सेना ने मांगे 27 लाख करोड़ रुपए

punjabkesari.in Monday, Jul 17, 2017 - 12:41 AM (IST)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की हर रोज नापाक हरकतें और सिक्किम सीमा पर चीन का दुस्साहस जारी है। ऐसे खतरनाक मंसूबे पालने वाले पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान से निपटने के लिए सेना का आधुनिकीकरण जरूरी है इसलिए सशस्त्र बलों ने अगले 5 साल के लिए करीब 27 लाख करोड़ रुपए आबंटित करने की मांग की है। रक्षा मंत्री ने इस पर अमल करने का आश्वासन दिया है। 

     

जानकारी के मुताबिक 10-11 जुलाई को डी.आर.डी.ओ. समेत सभी हितधारकों के साथ हुई बैठक के बाद यूनिफाइड कमांडर्स कॉन्फ्रैंस में अगले 5 साल के लिए 13वीं संयुक्त सुरक्षा योजना पेश की गई।  बताया जा रहा है कि सशस्त्र बलों ने 13वीं संयुक्त सुरक्षा योजना को जल्द से जल्द मंजूरी देने पर जोर दिया है। इस कॉन्फ्रैंस को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेतली ने सैन्य आधुनिकता के लिए की जा रही मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया है। जेतली ने कहा कि सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए संसाधनों पर व्यय बढ़ाया जा सकता है।  

 

पोखरण में हो रहा है हॉवित्जर तोपों का टैस्ट, चीन बार्डर पर की जाएंगी तैनात
राजस्थान के पोखरण में लंबी दूरी तक मार करने वाली 2 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपों का परीक्षण हो रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि बोफोर्स कांड के 30 साल बाद भारतीय सेना को अमरीका से ये तोपें मिली हैं। तोपों के इन परीक्षणों का प्राथमिक लक्ष्य एन-777 ए-2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर के प्रोजैक्टाइल रफ्तार और गोले दागने की फ्रीक्वैंसी जैसे बेहद महत्वपूर्ण डाटा जमा करना है। उम्मीद की जा रही है कि इनमें से ज्यादातर तोपों को चीन से लगी सीमा पर तैनात किया जाएगा। 

 

परीक्षण की जानकारी रखने वाले एक सैन्य अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि ये परीक्षण सितम्बर तक जारी रहेंगे। बता दें कि 155 मिलीमीटर 39-कैलीबर की इस तोप में भारतीय गोले उपयोग किए जाएंगे। 11 टन की बोफोर्स तोप के मुकाबले हॉवित्जर बहुत हल्की है। साथ ही आकार में भी यह उसकी आधी है और लाने-ले जाने में काफी सुविधाजनक है। इसे सुमद्र के जरिए भी ले जाया जा सकता है।


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