दिल्ली स्मॉग: कैप्टन ने फिर किया केजरीवाल से मिलने से इनकार

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 11:48 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से बैठक के सुझाव को रद्द करते हुए कहा कि केजरीवाल को पराली को जलाने के कारण पैदा हो रहे वायु प्रदूषण के मामले में राजनीति करने से गुरेज करना चाहिए। 

केजरीवाल द्वारा की गई ट्वीट का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बात को समझने में असमर्थ हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने हाथ झाडऩे की कोशिश क्यों कर रहे हैं, क्योंकि यह मामला पूरी तरह से केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है तथा 2 मुख्यमंत्रियों के बैठने से मसले का हल निकलने वाला नहीं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा गली स्तर की राजनीति करने से सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं। कैप्टन ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली में अपनी सरकार की विफलता से जनता का ध्यान हटाने की कोशिशों में लगे हुए हैं, क्योंकि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले ही दिल्ली सरकार की विफलताओं को उजागर कर दिया है। 

दिल्ली में ट्रांसपोर्टेशन तथा अनियोजित औद्योगिक विकास के कारण प्रदूषण की समस्या पैदा हुई है, जबकि पंजाब की समस्या पराली को जलाने से संबंधित है। केजरीवाल को दिल्ली में अपने प्रदेश की समस्याओं का हल निकालना चाहिए परन्तु वे व्यर्थ के विचार-विमर्श में समय बर्बाद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास केजरीवाल से फिजूल बैठक करने का समय नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में जब भी कोई समस्या पैदा होती है तो वह लोगों को मझधार में अकेला छोड़ जाते हैं। 

कैप्टन ने कहा कि वह पहले ही केजरीवाल के सुझावों को रद्द कर चुके हैं परन्तु उसके बावजूद केजरीवाल समय बर्बाद करने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदूषण की समस्या का निपटारा करते हुए कहा था कि इसके लिए दीर्घकालीन हल निकालने की जरूरत है। वह उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस संकट का हल निकालने में केन्द्र सरकार को दिशा निर्देश देगी, जैसा कि पंजाब सरकार ने केन्द्र से किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 100 रुपए प्रति किंव्टल बोनस देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जहां तक पराली को जलाने का संबंध है, यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, जैसा कि केजरीवाल करते हुए दिखाई दे रहे हैं बल्कि यह एक आर्थिक समस्या है, जिसका निपटारा केन्द्र सरकार कर सकती है।


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