मानहानि केस में लुधियाना अदालत पहुंचे संजय सिंह कहा,स्टैंड पर आज भी कायम

punjabkesari.in Wednesday, Jul 26, 2017 - 03:08 PM (IST)

लुधियानाः आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता संजय सिंह ने फिर दोहराया  कि वह  पंजाब के पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर नशे संबंधी दिए गए बयान पर  आज भी कायम हैं। पंजाब में पिछले समय दौरान नशे के सौदागरों ने जिस प्रकार मजीठिया के संरक्षण में पंजाब के युवाअों को बर्बाद कर के रख दिया, अब कैप्टन  सरकार की जिम्मेदारी बनती है, उन पर कार्रवाई करने की लेकिन सरकार का रवैया भी पूर्व सरकार की भाांति हो चुका है।

अाप नेता ने बताया कि सरकार बताए पिछले 100 दिन  के शासनकाल में  पूर्व सरकार में हुए गलत कार्यों में किस पर कार्रवाई की गई है। संजय सिंह आज मजीठिया द्वारा उन पर किए गए मानहानि के मामले में सुनवाई के सिलसिले में लुधियाना पहुंचे हुए थे।  पेशी के बाद कोर्ट परिसर में पत्रकारों से बातचीत कर  उन्होंने आरोप लगाया कि कैप्टन सरकार बिल्कुल फेल साबित हुई है। सरकार न तो किसानों का कर्ज माफ कर सकी, न ही युवाओं को रोजगार दे सकी। 


उल्टा राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बदतर होती जा रही। पादरी हत्याकांड इसका  ताजा प्रमाण है। पूर्व समय की तरह आज भी धार्मिक नेताओं को निशाना बनाया जा  रहा है।  संजय सिंह ने कहा सरकार की जिममेदारी है कि वह केवल ईनामों का ऐलान करने की बजाए असल दोषियो को गिरफ्तार कर राज्य में कानून व्यवस्था के प्रति लोगों का विश्वास बहाल करें। 


वहीं कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत पर बोलते उन्होंने कहा , माइनिंग कांड व पादरी हत्याकांड से साफ है कि अमरेंद्र सरकार भी पूर्व बादल सरकार के नक्शेकदम पर चल रही है। आप पार्टी इनका पूर्व में भी विरोध कर रही थी तथा अागे भी विरोध करती रहेगी।

 

आप नेता ने कांग्रेस मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई करने बारे पूछा तो उन्होंने कहा सिद्धू अपने मंत्री के किए भ्रष्टाचार पर क्यों नहीं बोल रहे। पूर्व में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करना अच्छी बात है लेकिन  बयान देने की बजाए उन्हें कड़े कदम उठाने चाहिए। अब तक उनकी अपनी सरकार है, उनका हाथ किसने रोका हुआ है?

 
इस मौके संजय सिंह ने केंद्र सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार चीन, पाक व कश्मीर मुद्दे पर केवल बड़बोलेपन का जाहिर करने के अलावा कुछ नहीं कर सकी है तथा विदेश व आंतरीक सुरक्षा नीति में फेल साबित हुई है।
 


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