पंजाब में आप को झटका, सी‍नियर नेता फूलका ने पंजाब राजनीति से ली छुट्टी

punjabkesari.in Monday, Nov 20, 2017 - 10:30 AM (IST)

लुधियाना (नरेंद्र): सुखपाल खैहरा पर ड्रग तस्करी में संलिप्त होने के आरोपों से पहले ही सकते में आई हुई आम आदमी पार्टी को पंजाब में बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे एचएस फूलका ने खुद को प्रदेश की राजनीति से अलग कर लिया है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा है कि वे सिर्फ अपने क्षेत्र दाखा से जुड़े रहेंगे लेकिन पंजाब में राजनीति नहीं करेंगे।

 

वहीं फोन पर हुई बातचीत में प्रो. फुलका ने बताया कि मैंने पार्टी हाईकमान को अपने उपरोक्त फैसले से अवगत करा दिया है। वह अपनी व्यस्ताओं के चलते पहले ही त्यागपत्र सौंप चुके हुए है तथा पार्टी हाईकमान को इस बात की  तब से जानकारी है। इसलिए ही वो किसी स्टेट की एक्टिविटी या मीटिंग में नहीं गए। प्रो. फुलका ने बताया कि वह अपना पूरा ध्यान हलके में उनकी ओर से जारी दो प्रोजैक्टों पर केंद्रीत करना चाहते है। इसके अलावा एक अन्य प्रोजैक्ट पर विचार है।  वह दिल्ली में अपनी वकालत को लेकर भी काफी व्यस्त है। इसलिए स्टेट की राजनीति में अपनी भूमिका अदा नहीं कर सकते है। 

 

प्रो. फुलका से जब पूछा गया कि यह जानकारी उन्होंने पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को दी है तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान को इस बात के बारे में अवगत करवाया जा चुका है। पार्टी के भीतर किसी प्रकार के मतभेदों  से इंकार करते हुए प्रो. फूलका ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, वह केवल अपने हलके के प्रोजैक्टों व वकालत को लेकर व्यस्त है। सुखपाल खैहरा के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबंधी पार्टी हाईकमान व एमएलए का जो भी फैसला होगा, वह उन्हें मंजूर होगा। 

 

उधर, विधानसभा हलका दाखा के विधायक एच.एस. फूलका व एजुस्केयर के डायरैक्टर तेजप्रीत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि एजुस्केयर 15 सरकारी स्कूलों के 47 विद्यार्थियो को फ्री कोचिंग देगा, जो इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा ज्वाइंट एंट्रैंस एग्जाम (जे.ई.ई.) मेन्स और एडवांस के साथ मैडीकल प्रवेश परीक्षा नैशनल एलीजिबिलिटी एंट्रैंस टैस्ट (नीट) की तैयारी करेंगे।


उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए बताया कि इसमें 28 विद्यार्थी 12वीं और 17 विद्यार्थी 11वीं कक्षा के मैडीकल व नॉन-मैडीकल स्ट्रीम के हैं, जिनमें से 16 लड़कियां व बाकी लड़के हैं। विद्यार्थियों की ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी गांव के लोगों ने ली है, साथ ही एक लेडी टीचर बतौर को-आर्डीनेटर का काम करेगी।


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