Exclusive: विदेशों में पढऩे के लिए ही भारतीय छात्रों ने निवेश कर दिए 42,835 करोड़ रुपए

punjabkesari.in Friday, Nov 17, 2017 - 09:37 AM (IST)

जालंधर (रविंदर शर्मा) : भारत का युवा टैलेंट लगातार देश का साथ छोड़ रहा है। देश की शिक्षा व्यवस्था से तो युवा वर्ग का विश्वास ही उठ गया है। मैट्रिक या 12वीं कक्षा के बाद अब हर युवा हायर स्टडी के लिए विदेशी धरती पर ही जाना चाहता है। इसके पीछे 2 कारण हैं-एक देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में कई तरह की खामियां और दूसरा डिग्री लेने के बाद भी नौकरी का न मिलना।


अकेले 2016-17 में ही भारतीय युवाओं ने उच्च शिक्षा के लिए 6.54 अरब डालर यानी 42,835 करोड़ रुपए दूसरे देशों में निवेश कर दिए। भारत सरकार चुपचाप बैठी सारा तमाशा देख रही है। देश में उच्च शिक्षा का बजट 25 हजार करोड़ रुपए का है। अब आपको लग रहा होगा कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी हमारी शिक्षा की हालत क्यों नहीं सुधर रही है। हमारी शिक्षा की खराब हालत को ठीक करने के लिए सरकारें कोई खास कदम नहीं उठा रहीं।भारतीय अम्बैसी से मिली जानकारी के मुताबिक उच्च शिक्षा के मामले में भारतीय छात्रों की पहली पसंद अमरीका बना हुआ है।

दूसरे नंबर पर कनाडा, तीसरे पर आस्ट्रेलिया तो चौथे नंबर पर न्यूजीलैंड जैसे देश हैं। इन देशों में एक तो उच्च शिक्षा के युवा वर्ग को मायने नजर आते हैं और साथ ही वर्क परमिट मिल जाने के कारण वह हर साल यूनिवर्सिटी अपनी फीस अपने स्तर पर ही निकाल लेते हैं। 2 से 3 साल तक उच्च शिक्षा पाने के बाद अधिकांश टैलेंटेड युवा तो वहीं पर सैटल भी हो जाते हैं। भारत को इसका हर तरफ से नुक्सान हो रहा है। एक तो टैलेंट लगातार पलायन कर रहा है और साथ ही साथ जो पैसा देश में उच्च शिक्षा पर निवेश होना था, वह भी लगातार बाहर जा रहा है। यह देश भारतीय छात्रों के लिए एक बाजार बन गए हैं। पंजाब की ही बात करें तो हर तीसरा घर अपने बच्चे को विदेशी धरती पर उच्च शिक्षा दिलाना चाहता है, चाहे इसके लिए उन्हें 15 से 20 लाख रुपए खर्च करने पड़ें। 


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