ग्यासपुरा में डायरिया के 60 नए मरीज आए सामने

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 04:09 PM (IST)

लुधियाना(सहगल): ग्यासपुरा क्षेत्र में स्थित मक्कड़ कालोनी व सम्राट कालोनी में डायरिया के मरीजों का आना आज भी जारी रहा। सेहत विभाग द्वारा लगाए गए मैडीकल कैम्प में भी आज 41 नए मरीज सामने आए। अब तक मैडीकल कैम्प में ही 290 मरीज डायरिया के आ चुके हैं। जिला एपिडिमोलॉजिस्ट डा. रमेश भगत ने बताया कि आज भी सेहत विभाग की टीमों ने 641 घरों का दौरा किया। वहां लोगों को डायरिया से बचाव संबंधी जागरूक करते हुए पर्चे भी बांटे गए। लोगों में 550 क्लोरीन की गोलियां बांटी गईं। टीमों द्वारा 51 ग्रुप मीटिंगें करके लोगों को साफ पानी पीने और अपने घरों में सफाई व्यवस्था रखने को कहा गया। डा. भगत के अनुसार मैडीकल कैम्प से रैफर होकर 47 मरीज सिविल अस्पताल में दाखिल करवाए गए। इनमें 16 को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 31 मरीज अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। 

डायरिया के कई कारण  
नगर निगम के एक्सियन राजिंद्र सिंह ने कहा कि डायरिया फैलने के कई कारण हैं। अधिकतर वेहड़ों में हाईजीन व सफाई व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा जाता। एक कमरे में कई लोग रहते हैं। वेहड़ों में शौचालय की कमी होने के कारण बहु-संख्या एक शौचालय का इस्तेमाल करती है। कमरों में ही नहाना व खाना तैयार करने से सफाई व्यवस्था नहीं रहती। लोग गैरकानूनी ढंग से पानी की पाइपों पर अपनी पाइप जोड़ लेते हैं। नलकों पर लगे हैंडपम्प और नालियों के बीच निकाली गई पानी की पाइपें अक्सर बीमारी फैलाने का कारण बनती हैं। 

दिन-रात लगेगा मैडीकल कैम्प : डा. भल्ला
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डा. राजीव भल्ला ने कहा कि डायरिया प्रभावित क्षेत्र में मैडीकल कैम्प अब दिन-रात लगा रहेगा, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि डायरिया प्रभावित क्षेत्र के लोग इस कैम्प में नि:शुल्क उपचार प्राप्त कर सकते हैं। 

जिलाधीश ने दिए स्थिति पर काबू के निर्देश 
जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल ने ग्यासपुरा क्षेत्र में फैले डायरिया के मामले का संज्ञान लेते हुए निर्देश दिए कि संबंधित विभाग डायरिया की स्थिति को काबू करने के लिए हरसंभव प्रयत्न करे। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाके में मैडीकल कैम्प लगाए गए और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को जागरूक कर रही हैं। 

बच्चों को ठीक होने के 38 घंटे बाद भेजें स्कूल 
जिला एपिडिमोलॉजिस्ट ने लोगों से अपील की कि वे सफाई व्यवस्था का ध्यान रखें। पीने का पानी क्लोरीन की गोली डालकर अथवा उबालकर पीएं। उन्होंने कहा कि डायरिया बिगडऩे पर जानलेवा हो सकता है। इसलिए खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोएं। किसी दूसरे व्यक्ति का तौलिया, बर्तन आदि इस्तेमाल न करें। डायरिया से प्रभावित होने वाले बच्चों को ठीक होने के 48 घंटे बाद स्कूल भेजें। 


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