अढ़ाई माह में भी नहीं बना एयरपोर्ट रोड

punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2017 - 10:25 AM (IST)

पठानकोट(शारदा, राकेश): पंजाब के स्थानीय कस्बे व आस-पास क्षेत्रों तथा हिमाचल प्रदेश के आधा दर्जन गांवों को सिविल एयरपोर्ट रोड के माध्यम से जोडऩे वाले मार्ग का काफी भाग बरसात के दिनों में बह जाने से पिछले अढ़ाई माह से वाहनों की आवाजाही बाधित पड़ी है।

मार्ग के  जल समाधि लेने से हिमाचल प्रदेश के गांवों की जनता की लाइफ लाइन टूट गई है तथा उन्हें लम्बे समय से दैनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। महज टू व्हीलर चालक ही जान जोखिम पर डालकर गंतव्यों तक जैसे-तैसे जा पा रहे हैं परन्तु रात्रि के समय इस ध्वस्त हुए मार्ग से गुजरना मौत को खुला निमंत्रण देने के समान है।

स्कूली बच्चें व नौकरीपेशा लोगों को 4 किलोमीटर पैदल करना पड़ रहा है सफर

मार्ग पर यातायात अवरुद्ध होने व चौपहिया वाहनों आदि के न चलने से सिविल एयरपोर्ट से सटे गांवों की जनता की परेशानियां बढ़ी हुई हैं। स्कूली बच्चों व नौकरीपेशा लोगों जो कि दैनिक रूप से इस क्षेत्र में अपनी पढ़ाई अथवा रोजगार हेतु आते हैं, को वाहनों के न चल पाने से पैदल ही गांवों से 4 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में इतना लंबा सफर स्कूली बच्चों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है, वहीं अभिभावकों की जान भी सांसत में अटकी हुई है।

टायल, शैलर, पोल्ट्री फार्म, क्रशर, प्री-मिक्स प्लांट का उत्पादन प्रभावित
चूंकि उपरोक्त गांव हिमाचल प्रदेश का भाग हैं यहां विशेष औद्योगिक रियायतें दी गई हैं। ऐसे में इन गांवों तक अप्रोच लम्बे समय से बाधित होने सेे इन गांवों में स्थित टायल, शैलर, पोल्ट्री फार्म, क्रशर यूनिट व प्री-मिक्स प्लांट प्रभावित हैं, वहीं इनका उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। बाहर से जरूरी वस्तुओं की आमद भी ट्रांसपोर्टेशन न होने से प्रभावित हो रही है। अब जब अढ़ाई महीने से मार्ग रूपी लाइफ लाइन ही कट गई है तो ऐसे में आगे स्थापित उपरोक्त यूनिटों का कारोबार व उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

लोगों ने जताया रोष
वहीं इस संबंध में सरपंच माजरा राज रानी, सरपंच छन्नी बेली शेर सिंह, शक्ति, प्रीतम, राजकुमार, तरसेम लाल व रूलदू राम ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि उपरोक्त मार्ग आगे स्थित गांवों के लिए लाइफ लाइन है। मार्ग का चक्की से सटा आधा किलोमीटर भाग हर बार बरसात के दिनों में कई जगहों से विखंडित होकर जल समाधि ले जाता है जिससे इन गांवों की जनता का सम्पर्क पंजाब व हिमाचल प्रदेश के अन्य भागों से कट जाता है। बावजूद इसके इस समस्या का अब तक स्थायी हल नहीं निकाला गया है। इस बार करीब 300 मीटर भाग जल समाधि ले गया है तथा अढ़ाई महीने से यातायात बाधित है परन्तु न तो विभाग तथा न ही राज्य सरकार प्रभावित गांवों की जनता को इस आफत से अब तक राहत दिला पाई है।

कृषि पैदावार भी हो रही है प्रभावित
वर्णनीय है कि उपरोक्त गांवों की जनता अधिकांश रूप से आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है तथा इस मौसम में भूिंडी, बैंगन, करेला, लौकी आदि ग्रीष्माकालीन सब्जियों की बम्पर पैदावार भी इन गांवों में हुई है परन्तु चौपहिया वाहनों की आमद न होने से इन गांवों में उगाई गई सब्जियों को आगे मंडी या अन्य स्थानों तक बेचने के लिए पहुंचा पाना मुश्किल हो रहा है।

कुछेक किसान अपने साइकिलों व अन्य दोपहिया वाहनों पर तैयार सब्जियों को मंडी में लाने की मशक्कत कर रहे हैं परन्तु यह कवायद ऊंट के मुंह में जीरे से अधिक कुछ भी नहीं है। ऐसे में तैयार फसलों के आगे मार्कीट में न पहुंचने से किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है, वहीं उनकी महीनों की मेहनत पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है।

सिविल एयरपोर्ट से हवाई उड़ानों के शुरू होने में हो रही देरी
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिविल एयरपोर्ट रोड जो इसी मार्ग से आगे जुड़ा है, दुरुस्त व चालू हालत में न होने से इस एयरपोर्ट से हवाई उड़ानों के शुरू होने में देरी हो रही है। सिविल एयरपोर्ट के दोबारा गुलजार होने की तिथि 24 सितम्बर थी परन्तु एयरपोर्ट मार्ग ही आवाजाही के लिए ठीक न होने से निर्धारित समय को अब 30 सितम्बर तक आगे कर दिया गया है। ऐसे में सिविल एयरपोर्ट एक बार फिर गुलजार होते-होते महज इस जर्जर मार्ग के कारण रह गया। अब 30 सितम्बर को भी सिविल एयरपोर्ट के गुलजार होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।


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