अमरेन्द्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने बारे सोनिया के लौटने पर निर्णय लेंगे

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2017 - 02:34 AM (IST)

पटियाला(धवन,राजेश): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद को छोडऩे बारे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के अमरीका से लौटने पर अंतिम निर्णय लेंगे। सोनिया अपना इलाज करवाने के लिए विदेश गई हुई हैं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद काम का बोझ काफी बढ़ गया है। पार्टी संगठन का कामकाज चलाने के लिए नई नियुक्ति केंद्रीय नेतृत्व द्वारा की जानी है। 

कैप्टन चाहते हैं कि एक तरफ वह सरकार को संभालें तो दूसरी तरफ संगठन को संभालने के लिए किसी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता की नियुक्ति अध्यक्ष के रूप में की जानी चाहिए, जिससे कार्यकत्र्ताओं को गतिशील रखा जा सके। कांग्रेस को 2019 में लोकसभा के आम चुनावों का सामना करना है। कैप्टन ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद काम का बोझ काफी बढ़ गया है। सोनिया काफी दिनों से विदेश में हैं तथा उनके आते ही कैप्टन द्वारा सोनिया से मुलाकात की जाएगी। 

कांग्रेसी हलकों ने बताया कि पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष बारे अभी केंद्रीय नेतृत्व जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहता है। वह चाहता है कि पहले पंजाब में कैप्टन सरकार पूरी तरह से मजबूत होकर काम करना शुरू कर दे, उसके बाद संगठन में फेर-बदल किया जाए। राज्य में अकाली-भाजपा गठबंधन को सत्ता से हटाने के बाद कांग्रेस सरकार ने वी.आई.पी. कल्चर खत्म करने के लिए कई सख्त कदम उठाए, जिसकी लोगों में सराहना हुई परन्तु अभी सरकार को बने कुछ समय ही हुआ है। कांग्रेस सरकार का हनीमून पीरियड अभी चल रहा है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भी कैप्टन को इस समय राज्य से संबंधित फैसले लेने के लिए खुला हाथ दिया हुआ है। इसीलिए राज्य में डिप्टी सी.एम. नहीं बनाया गया। 

मंत्रियों के चयन व विभागों के वितरण में भी कैप्टन की ही चली। जब भी राज्य इकाई में फेर-बदल किया जाएगा तो उससे पहले कैप्टन की इच्छा राहुल द्वारा पूछी जाएगी। फिलहाल राज्य इकाई में अध्यक्ष पद के लिए 2 कांग्रेसी नेताओं सुनील जाखड़ व लाल सिंह के नाम चल रहे हैं। कैप्टन जाखड़ के हक में बताए जाते हैं। राज्य में ङ्क्षहदू समुदाय ने इस बार कांग्रेस सरकार बनने में अहम योगदान डाला है, इसलिए यह चर्चा भी चल रही है कि अध्यक्ष पद किसी ङ्क्षहदू कांग्रेसी नेता के हवाले किया जाए, जिससे राज्य में जाट व ङ्क्षहदू समुदाय के बीच में संतुलन बन सके। 


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