ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों का 457 वीजा नियम रद्द

punjabkesari.in Wednesday, Apr 19, 2017 - 08:45 AM (IST)

जालंधर (पुनीत): एक सप्ताह पूर्व भारत दौरे पर आए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने अपने वतन वापस लौटते ही भारत को बड़ा झटका देते हुए उस वीजा प्रोग्राम को रद्द कर दिया जिसका इस्तेमाल 95 हजार से ज्यादा विदेशी कर्मचारी कर रहे हैं और इनमें से अधिकांश भारतीय हैं। मैल्कम टर्नबुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भारत दर्शन किए, सैल्फियां खींचीं, 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए तो यह संभावना प्रकट की जा रही थी कि वह ऑस्ट्रेलिया जाकर भारतीय नागरिकों के लिए वीजा नियमों को और आसान बनाएंगे लेकिन उन्होंने इसके विपरीत भारतीयों में लोकप्रिय 457 वीजा नियम को ही रद्द कर दिया। यहां उल्लेखनीय है कि ट्रम्प ने अमरीका की बागडोर संभालने के बाद एक्शन लेते हुए वीजा प्रणाली के नियमों में बदलाव किया था जिससे भारत सहित कई देश प्रभावित हुए थे। 


457 वीजा नियम से स्किल्ड जॉब्स में विदेशी कर्मचारियों को 4 साल तक जॉब में रखने की इजाजत है। ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक देश में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वीजा कार्यक्रम के तहत 30 सितम्बर 2016 तक ऑस्ट्रेलिया में 95,757 वर्कर काम कर रहे थे। अब इसकी जगह पर नई बंदिशों के साथ नया वीजा कार्यक्रम लाया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया के पी.एम. मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि हम प्रवासियों का देश हैं लेकिन यह भी सच है कि ऑस्ट्रेलिया में नौकरियों के लिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को वरीयता मिलनी चाहिए। इस वजह से हम अस्थायी तौर पर विदेशी कामगारों को हमारे यहां आने की इजाजत देने वाले 457 वीजा को खत्म कर रहे हैं। हम 457 वीजा को अब उन नौकरियों तक पहुंचने का जरिया नहीं बनने देंगे जो ऑस्ट्रेलिया के लोगों को मिलनी चाहिएं। ऑस्ट्रेलिया के पी.एम. ने कहा कि स्किल्ड जॉब्स के क्षेत्र में वह ‘ऑस्ट्रेलियन फस्र्ट’ की नीति अपनाने जा रहे हैं।


ऑस्ट्रेलियाई पी.एम. मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि नए वीजा कार्यक्रम के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऑस्ट्रेलिया में अहम स्किल्स की कमी को भरने के लिए ही विदेशी कामगारों को लाया जाए, इसलिए नहीं कि किसी कंपनी को किसी ऑस्ट्रेलियाई को हायर करने की परेशानी से बचने के लिए विदेशी को रखने में सहूलियत होती है। इस वीजा के तहत काम करने वाले सबसे अधिक भारतीय हैं जिनके बाद ब्रिटेन और चीन का नंबर आता है। वहीं इस वीजा नियमों से इमिग्रेशन का काम करने वालों में भी हड़कंप मच गया है। 


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