हिमाचल प्रदेश व गुजरात केचुनावों में भाजपा को सताएगा लोकसभा उप-चुनाव में मिली ‘हार’ का भूत

punjabkesari.in Tuesday, Oct 17, 2017 - 01:41 PM (IST)

पठानकोट (संजीव शारदा): 2014 में कांग्रेस के लिए भस्मासुर साबित हुई देश व्यापी मोदी लहर जिसे लेकर भाजपा नेतृत्व कांग्रेस मुक्त भारत का सपना बुनने लगा था तथा 2019 में भी इसी लहर के सहारे अपनी चुनावी वैतरणी पार लगाने की जुगत में था परंतु गुरदासपुर सीट के लिए 11 अक्तूबर को हुए उप-चुनाव में जिस प्रकार भाजपा व उसके सहयोगी दल शिअद ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस से पटखनी खाई है, उससे न केवल भाजपा का थिंक टैंक सोच-विचार में पड़ गया है अलबत्ता 1,93,219 वोटों के रिकार्ड अंतर से भाजपा को मिली हार पार्टी नेतृत्व के गले नहीं उतर रही।

जीत के लिए भाजपा ने लगाया एड़ी-चोटी का जोर

उप-चुनाव में जीत के लिए भाजपा नेतृत्व ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था तथा अपनी पूरी ताकत इस चुनावी रणक्षेत्र में झोंक दी थी परंतु सभी प्रकार के कयासों व उम्मीदों को मलियामेट करते हुए भाजपा के उद्योग प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया अपने प्रतिद्वंद्वी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से बुरी तरह हार गए। उप-चुनाव में मिली बड़ी हार से यहां केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा नेतृत्व की भावी उम्मीदों पर वज्रपात हुआ है वहीं हिमाचल प्रदेश व गुजरात के वि.स. चुनावों में भाजपा को लोकसभा उप-चुनाव में मिली करारी ‘हार’ का भूत सताएगा।

चुनाव प्रचार से मोदी ने बनाई थी दूरी

गुरदासपुर उप-चुनाव में भाजपा के चुनावी प्रचार से प्रधानमंत्री मोदी दूर रहे तथा ऐन वक्त पर वित्त मंत्री अरुण जेतली का कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया तथा पंजाब भाजपा मामलों के प्रभारी प्रभात झा ही समूची मुहिम के दौरान वर्करों से रू-ब-रू होते रहे। इन सब समीकरणों के बावजूद उप-चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी हार पार्टी नेतृत्व किसी भी प्रकार से पचा नहीं पा रहा है।

हालांकि उप-चुनाव से पहले कांग्रेस व भाजपा के बीच मुकाबला कांटे का माना जा रहा था परंतु जिस प्रकार भाजपा की चुनावी मुहिम को पूरी तरह फुस्स करार देते हुए कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने अपनी पार्टी व प्रत्याशी सुनील जाखड़ के पक्ष में हवा बनाई तथा जाखड़ के बाहरी होने का मुद्दा भी भाजपा से छीन लिया उससे उप-चुनाव में राज्य में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही भाजपा चारों खाने चित हुई। उप-चुनाव के समूचे चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा सिर्फ बचाव की मुद्रा में नजर आई जबकि कांग्रेस नेतृत्व ने आक्रामक होकर चुनाव लड़ा तथा भाजपा व उनके सहयोगी अकाली दल पर ताबड़तोड़ राजनीतिक हमले करके हर चरण में अपनी बढ़त बनाए रखी। 

एक भी हलके में जीत दर्ज नहीं कर पाए सलारिया
भाजपा को मिली अप्रत्याशित हार का आलम यह रहा कि गुरदासपुर लोकसभा हलके के अधीन आते कुल 9 असैंबली सैगमैंट में से भाजपा प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया एक भी हलके का रण फतेह नहीं कर पाए तथा 9 में से 9 वि.स. हलकों में भाजपा कांग्रेस से बुरी तरह पिछड़ गई। लंगाह व सलारिया के विवादास्पद मुद्दों पर आक्रामक हुई कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से निपटने में भाजपा के पसीने छूट गए। इससे भी भाजपा डिफैंसिव होने से बैकफुट पर आ गई।

वहीं सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए अकाली व भाजपा नेताओं से जुड़े मुद्दे कांग्रेस के हाथ बटेर लगने समान हो गए जिनके बहुप्रचारित होने के परिणामस्वरूप भाजपा प्रत्याशी सलारिया दिन-ब-दिन अपनी चुनावी मुहिम में पिछड़ते चले गए। यही कारण रहा कि जिन दो वि.स. हलकों (सुजानपुर व बटाला) में भाजपा मौजूदा समय में भी सत्तारूढ़ थी, वहां भी भाजपा प्रत्याशी को मुंह की खानी पड़ी। 

टुकड़ों में बंटी कांग्रेस,फिर भी चुनावों में नजर आई एकजुट  
भाजपा नीत सुजानपुर हलके में बेशक कांग्रेस को काफी कम लीड मिली परन्तु यहां टुकड़ों में बंटी कांग्रेस पार्टी इस बार एकजुट नजर आई जिससे सुजानपुर में लगातार पिछले 3 वि.स. चुनाव जीतने वाली भाजपा लोकसभा उप-चुनाव में लीड नहीं ले पाई तथा कांग्रेस ने भाजपा के इस मजबूत दुर्ग में भी सेंध लगाकर बढ़त बना ली। वहीं बटाला हलके में महज कुछ सौ वोटों से पिछला वि.स. चुनाव हारने वाली कांग्रेस ने इस बार अश्विनी सेखड़ी के नेतृत्व में भाजपा को खूब छकाया तथा सेखड़ी यहां से कांग्रेस के जाखड़ को उप-चुनाव में 26 हजार से अधिक की लीड दिलाने में सफल रहे। 

 गुरदासपुर हलका यहां कांग्रेस पार्टी ने उप-चुनाव लडने के लिए जिला मुख्यालय बनाया हुआ था, में भी विधायक पाहड़ा की अगुवाई में कांग्रेस को 29 हजार से अधिक वोटों की लीड मिलने से भाजपा की कमर टूट गई। फतेहगढ़ चूडियां में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेन्द्र बाजवा की अगुवाई में कांग्रेस की आई आंधी में भाजपा व अकाली तिनकों की भांति उड़ते नजर आए। यहां से कांग्रेस के जाखड़ की लीड 32 हजार भी पार कर गई। भाजपा-शिअद के संयुक्त प्रत्याशी सलारिया की सबसे अधिक दुर्गति डेरा बाबा नानक हलके में हुई यहां कांग्रेस के विधायक सुखजिन्द्र रंधावा की अगुवाई में कांग्रेस की सुनामी में भाजपा का बेड़ा पूरी तरह डूब गया। इस हलके से कांग्रेस के जाखड़ भाजपा के सलारिया पर एक तरफा लीड लेते हुए अपनी बढ़त 44 हजार मतों से भी आगे ले गए। कादियां हलके में कांग्रेस की लीड 26 हजार के पार ही रही। 

फीकी रही भाजपा की मीडिया मैनेजमैंट   
चुनावी माहौल में कांग्रेस के सामने फीकी नजर आई भाजपा की मीडिया मैनेजमैंट   भाजपा की मीडिया मैनेजमैंट भी चुनावी माहौल में कांग्रेस के सामने फीकी नजर आई तथा कांग्रेस ने भाजपा से हर मुद्दा ही छीन लिया जिससे जाखड़ पहले आसान तथा मतदान का दिन आते-आते बड़ी जीत की ओर अग्रसर होते चले गए।

माझे के दो कांग्रेसी जरनैलों कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व विधायक सुखजिन्द्र सिंह रंधावा ने अपने धाकड़ एवं महाआक्रामक अंदाज में जनसभाओं से सुखबीर व मजीठिया की खूब पुंगी बजाई। यहां जाखड़, मनप्रीत बादल, सिद्धू, रंधावा, तृप्त बाजवा, ब्रह्म महेन्द्रा एक-एक महारथी समान चुनावी समर में भाजपाइयों व अकालियों से लोहा लेते रहे वहीं अकाली नेतृत्व ने गु्रप के रूप में जनसभाएं की।  

दूसरी ओर आक्रामक हुई कांग्रेस का एक-एक सिपहसालार बाहुबली बनकर अकाली-भाजपा दोनों से जूझता नजर आया। वहीं मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र के खासमखास कै. संदीप संधू की चुनावी रणनीति व मैनेजमैंट ने उप-चुनाव का परिणाम एक तरफा करते हुए कांग्रेस के हक में ला खड़ा किया। चुनाव प्रचार के शुरुआती दिनों में कांग्रेस व भाजपा मुकाबले में नजर आ रही थी वहीं लंगाह का रेप वीडियो व सलारिया के महिला दुष्कर्म संबंधी चित्र वायरल होने से मतदान तक आते-आते भाजपा की मुहिम आकाश से जमीन सूंघती नजर आई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News