सी.एम. सिटी का सीवरेज सिस्टम ‘बीमार’
punjabkesari.in Monday, Jul 24, 2017 - 01:31 PM (IST)
पटियाला(बलजिन्द्र): सी.एम. सिटी का सीवरेज सिस्टम ‘बीमार’ हो गया है। आए दिन सीवरेज जाम को लेकर रोष प्रदर्शन अब आम बात बन गई है। हालात यह है कि इस बार न तो कवर्ड गंदे नाले की सफाई करवाई गई और न ही जैकब ड्रेन की तरफ नगर निगम की नजर गई। इतना ही नहीं लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा भेजी गई री-साइकलर मशीन भी वापस चली गई है। हालांकि अकाली-भाजपा सरकार के समय से ही ऐलान होते रहे हैं कि शहर के सीवरेज सिस्टम को इतना दुरुस्त कर दिया जाएगा कि आने वाले 20 सालों में कोई कमी नहीं आएगी। जाम सीवरेज के कारण शहर में थोड़ी बारिश के बाद ही पानी भर जाता है।
पम्पिंग स्टेशन की कैपेसिटी आधी शहर से जितना रोजाना सीवरेज का पानी निकलता है, उसको पम्प करके एस.टी.पी. में फैंकने के लिए जो पम्पिंग स्टेशन लगाया गया है वह आधी कैपेसिटी का है। इस समय शहर से अनुमानित रोजाना 80 एम.एल.डी. (मिलियन लीटर पर डे) सीवरेज का पानी निकल रहा है, जबकि मेन पम्पिंग स्टेशन की कैपेसिटी सिर्फ 46 एम.एल.डी. की है। कुछ दिनों पहले तक पम्पिंग स्टेशन ही खराब हो गया था। पम्पिंग स्टेशनों की मोटरें खराब होना आम बात है।
बिना ट्रीट किए सीवरेज का पानी डाला जा रहा है नदियों में पटियाला शहर में काफी जगह पर सीधे ही पानी को बिना ट्रीट किए प्राकृतिक स्त्रोत में डाला जा रहा है। इसको लेकर न केवल पंजाब प्रदूषण बोर्ड खामोश है, बल्कि यह सीधे तौर पर प्राकृतिक स्रोतों को गंदा करके नेचर से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसको लेकर आज तक नगर निगम ने न तो खुद ध्यान दिया और न ही ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की।
री-साइकलर मशीन भी वापस भेजी
कांग्रेस सरकार आने के बाद सी.एम. सिटी को लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू ने एकमात्र री-साइकलर मशीन दी थी। इसका उद्घाटन खुद सिद्धू व पूर्व विदेश मंत्री परनीत कौर ने किया था परंतु कुछ दिनों के बाद ही उस मशीन को वापस मंगवा लिया गया है और कैप्टन के शहर को दिया गया पहला तोहफा भी वापस ले लिया गया है।
जैकब ड्रेन की भी नहीं की गई सफाई
नगर निगम की ओर से इस बार जैकब ड्रेन की सफाई भी नहीं की गई। जैकब ड्रेन में लगभग सारे शहर का सीवरेज का पानी जाता है। अगर जैकब ड्रेन की ही सफाई नहीं की गई तो सीवरेज किस तरह से चल सकता है। हालांकि हर बार बरसातों के सीजन से पहले जैकब ड्रेन की सफाई की जाती थी, परंतु जैसे ही मुख्यमंत्री पटियाला का बना तो यह बंद कर दी गई। यह तो इस बार मानसून ने अभी तक बेरुखी दिखाई हुई है। अन्यथा शहर को जल थल होने में समय नहीं लगता है।