अब अमरेन्द्र सरकार द्वारा किसानों के व्यापारिक बैंकों के ऋण माफ करने को हरी झंडी

punjabkesari.in Tuesday, Mar 13, 2018 - 04:59 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सहकारी बैंकों के बाद अब किसानों के व्यापारिक बैंकों के ऋण माफ करने का निर्णय लिया है तथा इस संबंध में मुख्यमंत्री ने हरी झंडी भी दे दी है। सरकारी हलकों से पता चला है कि पहले चरण में सरकार द्वारा सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले 2 लाख किसानों के कर्जों को माफ किया गया था। परन्तु व्यापारिक बैंकों से कर्जा लेने वाले किसानों की गिनती कहीं अधिक बताई जा रही है।

सरकार इन किसानों के 2-2 लाख रुपए के कर्जों को माफ करने में लगी हुई है। पहला चरण पूरा हो चुका है,जबकि दूसरे चरण में मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा कल नकोदर में लगभग 200 करोड़ रुपए के और कर्जों को माफ किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पंजाब सरकार ने व्यापारिक बैंकों से 2-2 लाख रुपए का कर्जा लेने वाले किसानों की जानकारी 15 मार्च तक भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सरकार इन किसानों द्वारा लिए गए कर्जों की वैरीफिकेशन का कार्य पूरा करेगी। व्यापारिक बैंकों में सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंकों के अलावा ग्रामीण विकास बैंक भी शामिल हैं। इसलिए सरकार तीसरे चरण में व्यापारिक बैंकों से कर्जा लेने वाले किसानों को अपनी किसान ऋण माफी योजना में शामिल करने जा रही है।

सरकार ने राज्य में अपनी इस योजना के तहत 10.25 लाख छोटे किसानों को शामिल किया है। अमरेन्द्र सरकार द्वारा बजट सत्र के बाद भी किसान ऋण माफी योजना को पूरा साल चलाया जाएगा। इसके तहत अलग-अलग चरणों में किसानों के ऋण माफ होंगे। सरकार पर किसान ऋण माफी के कारण लगभग 10,000 करोड़ का बोझ पडऩे जा रहा है। किसान ऋण माफी योजना के तहत सबसे बड़ी समस्या किसानों की वैरीफिकेशन को लेकर आ रही है। पहले चरण में कुछ किसानों पर उंगलियां उठी थीं। क्योंकि कुछ लोगों ने कहा था कि वे किसान भी ऋण माफी का लाभ ले गए हैं, जिनके पास अन्य राज्यों में जमीनें हैं। इसलिए बाद में मुख्यमंत्री ने वैरीफिकेशन के कार्य में विधायकों को शामिल कर लिया। अब विधायकों की निगरानी में ऋण माफी योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है क्योंकि जन प्रतिनिधि होने के कारण विधायकों को अपने क्षेत्रों में छोटे किसानों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त होती है।


 


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