कांग्रेस का अकालियों पर पलटवार, पगड़ी के मामले में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश न करे: लाली मजीठिया

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 02:15 PM (IST)

अमृतसर (पुरी): विधानसभा में एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी मामला लेकर अकाल तख्त साहिब पर पहुंच गई है वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रवक्ता सुखजिन्द्रराज सिंह लाली मजीठिया ने शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर पलटवार करते हुए कहा है कि तब उन की जमीर कहां थी जब अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार के समय पगड़ी और महिलाओं का निरादर किया जा रहा था। 

उन्होंने अलग-अलग घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पगड़ी की बेअदबी बहुत ही निंदनीय घटना है परन्तु इस पर राजनीति करना उस से भी ज्यादा निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी धार्मिक नेता को किसी भी राजनीतिक पार्टी की पीठ नहीं थपथपानी चाहिए। उन्होंने अकाली नेताओं का नाम लेकर कहा कि उनके राज में जितनी बार भी पगड़ी उतरी है, उससे पंथ और पंजाब के लोग भली भांति अवगत हैं। उनके दोहरे चरित्र के पीछे लोग लगने वाले नहीं हैं। 

उन्होंने कहा कि विधान सभा की अपनी मान-मर्यादा, नियम और सिद्धांत हैं जिनका पालन करना मुख्यमंत्री के लिए भी जरूरी होता है। यदि ऐसा नहीं होता तो पवित्र स्थान की मान-मर्यादा को ठेस पहुंचती है जिसको ध्यान में रखना विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संयम में रह कर ही विरोधी पक्ष को अपनी भूमिका निभानी चाहिए ना कि मुख्य समाचारों में आने के लिए ओछी राजनीति पर उतर आना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि यह और भी राजनीतिक नैतिक मूल्यों के विपरीत है कि आम आदमी पार्टी की अपेक्षा शिरोमणि अकाली दल अधिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बारे बादल का यह कहना कि कांग्रेस ने विधान सभा कलंकित कर दी है तर्क संगत नहीं है। विधान सभा की मान-मर्यादा भंग करने और इसके मान-सत्कार को गिराने का आधार बादल ने 1986 में बांधा था जब उसके नेतृत्व में अकाली विधायकों ने साबित सूरत स्पीकर सुरजीत सिंह मिन्हास को बहुत ही निर्दयता से कुर्सी से खींचा और उनकी पगड़ी व केसों की बेअदबी की। 

बादल को शायद यह भी याद न हो कि साल 2002 में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के निजी सहायक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग करने गए शिरोमणि खालसा पंचायत के साबित सूरत, दस्तारधारी सिखों को लाठियों से पीटने और पगडिय़ों की बेअदबी करने वालों में सिख स्टूडैंट्स फैडरेशन, बादल दल का यूथ विंग और शिरोमणि कमेटी के कर्मचारी शामिल थे। इसी बादल की सरपरस्ती वाली शिरोमणि कमेटी के साथ हुई झड़प में 2 जुलाई 2006 को मंजी साहिब दीवान हाल में सिमरनजीत सिंह मान और शिरोमणि कमेटी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ की पगड़ी की बेअदबी हुई। 

इसी वर्ष 25 अक्तूबर 2006 को कत्थूनंगल में बाबा बुड्ढा जी का 500 साला जन्म दिवस मनाया जा रहा था जिस में भाग लेने पहुंचे सिमरनजीत सिंह मान और उन के साथियों को अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के नेतृत्व में लाठियों के साथ पीटा कर पगड़ी का निरादर किया गया था। बादलों का मंत्री सिकंदर सिंह मलूका तो बेटियों-बहनों और बुजुर्गों की बेइज्जती करने और पगड़ी, दुपट्टों का निरादर करने का विशेषज्ञ है। पंजाब में बढ़ रहे नशों के प्रसार को रोकने की मांग को लेकर जब सुखजिन्द्र राज सिंह लाली मजीठिया एक मार्च की शक्ल में बिक्रम मजीठिया की अमृतसर वाली रिहायश की तरफ बढ़े तो उन पर लाठीचार्ज करवाया गया और जान से मारने की कोशिश की गई। 

यही कुछ घटा था एक पत्रकार यूनियन के शिष्टमंडल के साथ जिसको बिक्रम मजीठिया के इशारों पर डंडों से डराया गया और एक बुजुर्ग पत्रकार की पगड़ी उतारी गई। आज शिरोमणि कमेटी प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर को आम आदमी पार्टी के विधायकों की पगडिय़ों के लिए चिंतित होना काया उचित है परन्तु तब उन्होंने अपनी भूमिका क्यों नहीं निभाई जब गठजोड़ सरकार के समय पगड़ी और महिलाओं का निरादर किया गया था।  


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