जालंधर, अमृतसर, लुधियाना व पटियाला में निगम चुनाव दिसम्बर के शुरू में करवाने पर बनी सहमति

punjabkesari.in Tuesday, Oct 17, 2017 - 11:57 PM (IST)

जालंधर(धवन): जालंधर, अमृतसर, लुधियाना तथा पटियाला में नगर निगम चुनाव दिसम्बर महीने के शुरू में करवाने पर राज्य सरकार में सहमति बन गई है। सरकारी हलकों से पता चला है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से भी स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को निगम चुनाव दिसम्बर के शुरू में करवाने को लेकर हरी झंडी मिल चुकी है। 

मुख्यमंत्री तथा सिद्धू के मध्य निगम चुनावों को लेकर अनौपचारिक चर्चा हो चुकी है। आज भी चंडीगढ़ में नवजोत सिद्धू मुख्यमंत्री से मिले थे जिसमें अनौपचारिक चर्चा फिर से हुई। बताया जाता है कि कांग्रेस को जिस तरह से गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भारी सफलता हासिल हुई है उसे देखते हुए अब कांग्रेस सरकार निगम चुनावों को और लटकाना नहीं चाहती है। कै. अमरेन्द्र सिंह शुरू से ही दिसम्बर में निगम चुनाव करवाने के पक्ष में थे क्योंकि उनका मानना था कि स्थानीय निकाय संस्थाओं में पार्टी जीत हासिल करके मेयरों के पदों पर अपने नेताओं को बिठाए जिसके बाद शहरों में विकास कार्यों को लेकर एक नया ब्ल्यू प्रिंट तैयार किया जा सके। अभी तक पिछले 5 वर्षों से मेयरों के पदों पर भाजपा के नेता ही विराजमान थे जिस कारण उनका तालमेल राज्य की कांग्रेस सरकार के साथ ठीक नहीं बैठ रहा था। 

सरकारी हलकों में चर्चा चल रही है कि मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने स्थानीय निकाय विभाग को कह दिया है कि अब जल्द से जल्द सभी निगम चुनाव वाले महानगरों में वार्डबंदी का कार्य सम्पन्न कर दिया जाए। इससे निगम चुनाव करवाने का रास्ता साफ हो जाएगा। गुरदासपुर उपचुनाव जीतने के बाद विरोधी खेमे में काफी हलचल मची हुई है। आम आदमी पार्टी तो गुरदासपुर में पूरी तरह से बिखर गई थी तथा उसके उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हो गई थी।

दूसरी ओर अकाली-भाजपा के मध्य भी तालमेल की कमी उजागर हो चुकी है। कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ की जीत से पार्टी वर्करों का मनोबल भी ऊंचा हुआ है जिसका लाभ कांग्रेस सरकार उठाना चाहती है। बताया जाता है कि जैसे ही जालंधर, अमृतसर, लुधियाना तथा पटियाला में वार्डबंदी का कार्य पूरा होगा तो वैसे ही सरकार पंजाब राज्य चुनाव आयोग को निगम चुनाव करवाने के लिए हरी झंडी दे देगी। सरकार ने वार्डबंदी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस यह भी समझती है कि कार्पोरेशन चुनाव करवा कर वह अपने कई नेताओं को टिकटें देकर उन्हें एडजस्ट कर देगी।


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