निगम के सिर चढ़ी 2 करोड़ की देनदारी, 6 माह में ही सफेद हाथी साबित हो गईं स्वीपिंग मशीनें

punjabkesari.in Tuesday, Jul 25, 2017 - 03:17 AM (IST)

जालंधर(खुराना): अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल दौरान मुख्यमंत्री से भी ज्यादा शक्तियां रखने वाले उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के इशारे पर जालंधर नगर निगम में मैकेनिकल स्वीपिंग के रूप में अत्यंत महंगा प्रोजैक्ट चालू किया गया था, जिसे लेकर शहर की राजनीति में कई धमाके हुए थे परंतु तत्कालीन निगम कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा तथा मेयर सुनील ज्योति ने इन धमाकों की रत्ती भर पर परवाह नहीं की। 

स्वीपिंग मशीन प्रोजैक्ट को लेकर मेयर सुनील ज्योति के अपने सहयोगी सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया, डिप्टी मेयर ओबराय, भाजपा के पार्षद मिंटा कोछड़, गोपाल गुप्ता, रवि महेंद्रू इत्यादि खुलकर उनके विरोध में आ गए थे और अकाली-भाजपा के इन पार्षदों ने स्वीपिंग मशीन प्रोजैक्ट में करोड़ों रुपए के घपले के आरोप लगाए और इसे अत्यंत महंगा प्रोजैक्ट करार दिया। विपक्षी दल कांग्रेस भी खुलकर इस प्रोजैक्ट के विरोध में आई। 

इस प्रोजैक्ट को शुरू हुए अभी केवल 6 माह ही हुए हैं, प्रोजैक्ट के विरोधियों की आशंकाएं सही साबित होनी शुरू हो गई हैं क्योंकि यह प्रोजैक्ट शहर के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। नगर निगम के सिर कम्पनी की 2 करोड़ की देनदारी चढ़ गई है। चाहे इस साल के निगम बजट के पास न होने का बहाना लगाया जा रहा है परन्तु इस समय निगम की जैसी वित्तीय हालत है, उसके चलते कम्पनी को 2 करोड़ रुपए का भुगतान करना निगम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

1 करोड़ का भुगतान कर चुका है नगर निगम
प्रोजैक्ट शुरू होने के 6-7 महीने के भीतर जहां निगम के सिर 2 करोड़ की देनदारी चढ़ गई है, वहीं निगम कम्पनी को करीब 1 करोड़ रुपए भुगतान भी कर चुका है जो निगम के लिए बहुत बड़ी राशि माना जा रहा है। कम्पनी एक किलोमीटर सड़क की सफाई के 96 हजार चार्ज कर रही है और अगर यह प्रोजैक्ट पूरे 5 साल चलता है तो निगम को करीब 30 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।

पैसे न दिए तो बंद कर देंगे काम: सोनी
स्वीपिंग मशीन चलाने वाली कम्पनी लायंस के प्रतिनिधि सोनी ने सोमवार को मेयर सुनील ज्योति से मुलाकात की और मांग रखी कि 2 करोड़ का भुगतान जल्द किया जाए वरना सफाई का काम ठप्प कर दिया जाएगा। मेयर ने कम्पनी प्रतिनिधि से एक दिन का समय और मांगा तथा कमिश्नर से उनकी बैठक करवाने को कहा। सोनी ने बताया कि पिछले 5 महीनों से निगम ने उन्हें भुगतान नहीं किया है, उनके पास 100 आदमियों की वर्क फोर्स है जिसे वेतन, गाडिय़ों का खर्च, तेल-पानी इत्यादि कम्पनी को वहन करना पड़ रहा है। हमारा एग्रीमैंट 5 सालों के लिए है। निगम को पैसे देने ही होंगे


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