3 साल का प्रोबेशन पीरियड, सरकारी नौकरी के प्रति युवाओं का हो रहा मोह भंग

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 07:05 AM (IST)

जालंधर(पुनीत) : जॉब करने वाले की ख्वाइश होती है कि उसे सरकारी नौकरी मिले लेकिन पंजाब सरकार के अधिकतम विभागों में 3 साल का प्रोबेशन पीरियड रखे जाने के चलते युवाओं का सरकारी नौकरी के प्रति मोह भंग हो रहा है। पंजाब सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में नौकरी के लिए 3 साल का जो प्रोबेशन पीरियड (परख अवधि का समय) रखा गया है उसमें कर्मचारी को महंगाई भत्ता सहित ग्रेड पे व अन्य भत्ते नहीं मिलते केवल फिक्स वेतन दिया जाता है। यह 3 वर्ष का प्रोबेशन पीरियड स्थायी सर्विस में नहीं गिना जाता जिसके चलते युवाओं में रोष देखने को मिल रहा है।

कड़ी मेहनत करके टैस्ट पास करने के उपरांत नौकरी ज्वाइन करने वाले कई युवाओं का कहना है कि 3 साल का प्रोबेशन पीरियड लंबी समय अवधि है जिस प्रति सरकार को आवश्यक कदम उठाकर युवाओं को राहत देनी चाहिए। नाम न छापने की सूरत में कर्मचारियों ने कहा कि वह दूसरे कर्मचारियों के समान काम करते हैं इसलिए उन्हें समान वेतन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समान काम करके जब उन्हें बेहद कम वेतन मिलता है तो वह खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। उनका कहना है कि जो स्केल लगता है उस हिसाब से उनकी नियुक्तियों के समय से उनका मेहनताना एरियर्स समेत जारी किया जाए तथा प्रोबेशन अवधि को भी स्थायी सॢवस में जोड़ा जाए। यहां उल्लेखनीय है कि कई राज्यों में प्रोबेशन पीरियड 2 साल या इससे कम का है वहीं कई राज्यों द्वारा प्रोबेशन की अवधि को जॉब पीरियड में जोड़ा जाता है।

हाईकोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को नोटिस 
मार्च अंत में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में नियमित आधार पर भर्ती हुए 152 टीचर्स की एक याचिका पर पंजाब सरकार व इसके शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है। इन टीचर्स में लैक्चरर्स, मास्टर्स व ई.टी.टी. टीचर्स शामिल हैं। याचिका में पंजाब सरकार की एक नोटीफिकेशन समेत इसकी अनुवर्ती नोटीफिकेशंस को रद्द करने की मांग की गई है जिसमें कहा गया था कि जो भी कर्मी नियमित आधार पर भर्ती होंगे वह 3 साल के लिए प्रोबेशन पर रहेंगे। केस की पैरवी करते हुए एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने कहा कि इस गैर कानूनी व तानाशाही नोटीफिकेशन से याचियों को प्रतिमाह 30 हजार व इससे अधिक का नुक्सान हो रहा है। वहीं इस नोटीफिकेशन के प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट की ताजा जजमैंट की उल्लंघना बताया गया है।

स्टेट बैंक ने भर्ती में रखा 6 माह का प्रोबेशन
स्टेट बैंक द्वारा हाल ही में जॉब काल किए गए थे जिसमें मात्र 6 माह का प्रोबेशन पीरियड रखा गया था। 25 अप्रैल तक चली इस आवेदन प्रक्रिया के दौरान युवाओं ने खासी रुचि दिखाई। इसका मुख्य कारण यह है कि 3 साल का प्रोबेशन पीरियड युवाओं को पसंद नहीं आ रहा। सूत्र बताते हैं कि इस बात को कई विभाग व बैंक इत्यादि जान चुके हैं जिसके चलते वह युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए प्रोबेशन पीरियड का समय कम कर रहे हैं ताकि युवा उनके साथ जुड़ सकें और रिक्त पद आसानी से भरे जा सकें।

‘राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा शुरूआत से नियमित वेतन के आदेश’
बीते वर्ष आए एक फैसले में हाईकोर्ट ने प्रोबेशन पीरियड के 2 साल तक राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों को फिक्स वेतन देने का 9 साल पुराना नियम रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि सभी नए कर्मचारियों को शुरूआत से ही नियमित वेतनमान दिया जाए तथा महंगाई भत्ता सहित सभी प्रकार के भत्तों का भी भुगतान किया जाए। कर्मचारी इस दौरान कई तरह के भत्ते पाने के भी हकदार होंगे। कोर्ट ने प्रोबेशन में फिक्स वेतन देने की राज्य सरकार की 13 मार्च 2006 को जारी अधिसूचना को असंवैधानिक करार दिया। मुख्य न्यायाधीश सुनील अबवानी व न्यायाधीश वी.एस. सिराधना की खंडपीठ ने गोपाल कुमावत की 8 साल पुरानी याचिका निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News