सजा काट चुके युवकों का खुलासा, जेलों की खोली पोल

punjabkesari.in Saturday, Jan 06, 2018 - 08:32 AM (IST)

फिरोजपुर (सन्नी/आनंद): फिरोजपुर की सैंट्रल जेल अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान बनी एक बहुत पुरानी जेल है, जो एक बेहतरीन सिस्टम के लिए जानी जाती थी लेकिन इस समय इस जेल की चारदीवारी में खुल कर नशा मिलता है, बस इसके लिए कैदी को कीमत अदा करनी पड़ती है। इस तरह का एक बड़ा खुलासा पंजाब भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कमल शर्मा के करीबी रह चुके तथा पंजाब स्पोर्ट्स सैल के उपप्रधान अरमिंद्र सिंह पोथी ने पत्रकार सम्मेलन के दौरान किया। 
उन्होंने बताया कि फिरोजपुर सैंट्रल जेल का इस समय बहुत बुरा हाल है और वहां चारदीवारी में गुनाह का काला कारोबार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। गरीब कैदी तो बस हाथ जोड़ कर दया की भीख मांगता रहता है और पैसे न होने की एवज में अपने इलाज के लिए वह जेल की चारदीवारी से आसानी से बाहर नहीं आ सकता है, जबकि अमीरों के लिए इलाज जेल में ही उपलब्ध हो जाता है और इलाज के साथ-साथ हर तरह की सुविधांए भी मिल जाती हैं। 
उन्होंने बताया कि जेल में अमीर तथा पैसा खर्च करने वाले कैदियों के लिए वी.आई.पी. बैरकें  बनी हुई हैं, जिनमें मोबाइल से लेकर पार्क  तक की सुविधा मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि जेल में हर तरह का नशा मिल जाता है, बस इसके लिए कैदी को कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने यहां तक बताया कि सैंट्रल जेल में एक बीड़ी 100 रुपए में मिलती है, वहीं चिट्टा, हैरोइन, स्मैक से लेकर हर तरह का नशा मिल जाता है परंतु यह सब कुछ कैदी को महंगे दामों में ही मुहैया होता है और इसके लिए उसे कई गुना ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि पैसे लेकर जेल में हर तरह की सुविधाएं मुहैया होती हैं और वी.आई.पी. बैरक में टच स्क्रीन मोबाइल से लेकर शौच के लिए इंगलिश सीट तथा अन्य सुविधाएं मुहैया हो जाती हैं, उसके लिए भी बस पैसा खर्च करना पड़ता है। 

 

हजारों रुपए लेते हैं जेल अधिकारी
इस संबंध में अरमिंद्र सिंह पोथी ने जेल अधिकारियों पर कथित तौर पर आरोप लगाते हुए बताया कि खुद उनके राजनीति से जुड़े होने के बावजूद उनसे जेल में सुविधा देने के लिए 20 हजार रुपए लिए गए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास इसके कोई पुख्ता सबूत हैं तो उन्होंने बताया कि इसके लिए वह खुद ही सबूत है क्योंकि उनसे ही इन दोनों की ओर से रुपयों की मांग की गई थी और उन्होंने ही इन दोनों को पैसे दिए थे और इसके अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था।

 

नंबर लिखा दें और अधिकारी आपसे बात कर लेंगे
इस संबंध में जब सैंट्रल जेल फिरोजपुर के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया वह अपना नंबर लिखा दें और अधिकारी आपसे अपने आप बात कर लेंगे।  


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