उड़ती धूल-मिट्टी ने शहरवासियों का जीना किया दूभर

punjabkesari.in Monday, Oct 16, 2017 - 10:52 AM (IST)

मोगा(ग्रोवर): लुधियाना से वाया मोगा के माध्यम से तलवंडी भाई जाने वाले नैशनल हाईवे मार्ग को चारमार्गीय करने के चल रहे धीमी गति के कार्य कारण विकास कार्य अब विनाश कार्य बनकर रह गए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि 2012 से शुरू हुए इस सड़क के कार्य का चाहे 2014 तक पूरा होना था लेकिन चारमार्गीय सड़क का कार्य तो अभी भी पूरा नहीं हो सका। सबसे अहम बात तो यह है कि सड़क का कार्य मोगा शहर के इलाके में लगभग पिछले 6 महीनों से चल रहा है। इस दौरान मोगा शहर के मुख्य चौक नजदीक उड़ती धूल-मिट्टी ने शहरवासियों का जीना दूभर कर दिया है।

‘पंजाब केसरी’ की ओर से हासिल की जानकारी के अनुसार मोगा के बाघापुराना बाईपास वाले चौक से लेकर मोगा के जिला प्रबंधकीय काम्पलैक्स तक जाने दौरान शहरवासियों को कई बार सोचने को मजबूर होना पड़ता है। इस 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में से गुजरने वाले शहरवासी धूल-मिट्टी के कारण बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

इस सड़क के नजदीक कारोबार करने वाले राजीव ने बताया कि सड़क का कार्य मुकम्मल न होने के कारण लुधियाना जी.टी. रोड के दुकानदारों का समूचा कामकाज ठप्प होकर रह गया है। उन्होंने कहा कि शहरवासी विकास कार्यों के विरोधी नहीं लेकिन इन विकास कार्यों को मुकम्मल करने के लिए शहरवासियों की समस्याओं का ध्यान रखना भी जरूरी है। 

उन्होंने कहा कि कंपनी को चाहिए कि वह रोजाना उड़ती धूल-मिट्टी को रोकने के लिए समय पर सड़क के दोनों तरफ पानी का छिड़काव करवाने के अलावा शहरवासियों को सड़क के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए भी बनती सहूलियतें मुहैया करवाए। शहरवासी तथा प्रदेश कांग्रेस के सचिव गुरप्रीत सिंह हैप्पी ने कहा कि पहले तो पुलों का निर्माण कार्य ही ठीक नहीं है। इस कार्य से शहर ही 2 भागों में बंट गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी लोगों की समस्याओं का हल करने में फेल रही है।

अब भी चाहे कंपनी ने 31 दिसम्बर तक लोगों को काम मुकम्मल करने का भरोसा दिया है लेकिन देखकर लगता नहीं, अभी भी विकास कार्य मुकम्मल होंगे।शहरवासी प्रितपाल सिंह सरीन का कहना था कि शहर का विकास कार्य का धीमी गति चलने के कारण बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि शहरवासी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि विकास कार्य मुकम्मल होने तक कंपनी लोगों की समस्याओं के हल पर भी ध्यान दे। उन्होंने जिला प्रशासन से भी मांग की कि वह कंपनी को इस संबंधी हिदायत दे।


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