शहीद बेटे को सलाम कर मां ने दी अंतिम विदार्इ, बोलीं- ''जय हिंद''

punjabkesari.in Friday, Nov 17, 2017 - 12:39 PM (IST)

मानसा (जस्सल): भारतीय फौज के सिपाही मनजिन्द्र सिंह (22) का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में बणावाली गांव में अंतिम संस्कार किया गया। मनजिन्द्र सिंह के निमित्त अंतिम अरदास 24 नवम्बर को गांव बणावाला में होगी। 

PunjabKesariशहीद की मां कर्मजीत कौर की आंखों में आंसू थे, लेकिन साथ ही वह गर्व भी महसूस कर रही थीं कि उनका जवान बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। मां कर्मजीत कौर का कहना है कि उनके बेटे ने भारत मां का कर्ज चुकाा है। उन्होंने बेटे के पार्थिव शव के सामने सैल्यूट कर जय हिंद कहा। आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए मनजिन्द्र सिंह दक्षिण कश्मीर के कुलगांव जिले के नवबग्ग गुंढ गांव में मंगलवार को फौज और आतंकवादियों में हुई भारी गोलीबारी दौरान शहीद हो गया था। इस भयंकर लड़ाई में फौज की तरफ से भी एक आतंकवादी को ढेर कर दिया गया था।

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अंतिम संस्कार पर मानसा के डिप्टी कमिश्नर धर्म पाल गुप्ता और एस.एस.पी. परमबीर सिंह परमार ने पंजाब सरकार की तरफ से शहीद मनजिन्द्र सिंह को श्रद्धा के फूल भेंट किए। शहीद सिपाही के पिता गुरमेल सिंह ने बताया कि 2015 में फौज में भर्ती होने के बाद मनजिन्द्र सिंह 10 सिख रैजीमैंट में अपनी सेवाएं दे रहा था। इस मौके पर एस.डी.एम. मानसा लतीफ अहमद, हलका विधायक मानसा नाजर सिंह, लैफ्टिनैंट कर्नल सिख रैजीमैंट संदीप कोतवाल, डिप्टी डायरैक्टर दलजीत सिंह बराड़, नायब सूबेदार लखविन्द्र जीत सिंह, जिला प्रधान कांग्रेस बिक्रमजीत सिंह मोफर, चेयरमैन जिला परिषद सुखदेव सिंह चैनेवाला के अलावा फौज के अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में बणावाला व आसपास के गांवों के हजारों लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। 

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पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने सुखपाल खैहरा मामले पर बोलते हुए कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने फाजिल्का कोर्ट द्वारा भेजे गए सम्मन को जायज ठहराया है पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को गलत बताते हुए उन को सम्मन भेजकर बुलाने की बात कही है। हाई कोर्ट ने कहा कि नॉन वेलेबल वारंट तभी यीशु किए जाते हैं जब कोई पेश होने से इंकार करता है इसलिए सुखपाल खैहरा को सम्मन भेज कर बुलाना चाहिए था। उन्होंने कहा पंजाब सरकार ने भी लिखित रूप में फाजिल्का कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का हाईकोर्ट में अनुमोदन किया है। उन्होंने कहा है कि सुखपाल खैहरा के पास सुप्रीम कोर्ट में जाने का विकल्प खुला है और वह आर्टिकल 136 के तहत सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं


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