पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, दड़ा-सट्टा लगाते 18 गिरफ्तार

punjabkesari.in Sunday, Mar 18, 2018 - 08:54 AM (IST)

लुधियाना (पंकज): शहरभर में कई लाटरी स्टालों पर लाटरी की आड़ में दड़ा-सट्टा लगवाकर दिहाड़ीदारों अथवा गरीब वर्ग की खून-पसीने की कमाई लूटने वालों पर दुगरी पुलिस की कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। थाने के अधीन आते इलाकों में चल रहे इस गोरखधंधे पर धावा बोलते हुए पुलिस ने 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

थाना प्रभारी गुरबचन सिंह पर आधारित पुलिस पार्टी ने दुगरी मुख्य मार्कीट के अलावा साथ लगते इलाकों में लाटरी की आड़ में सट्टा लगवाने वाले जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें पारस, रविन्द्र, लक्ष्मण, अनिल बसनीत, राहुल, दीपक, प्रिंस, गगनदीप सिंह, गुरजीत सिंह, पंकज, हरमनजीत सिंह, हिमांशु, जसविन्द्र, गगनदीप, रोहित सग्गू, सतविन्द्र, सुरजीत सिंह व धर्मेंद्र शामिल हैं। अचानक पुलिस पार्टी द्वारा इतने बड़े स्तर पर की गई छापामारी के दौरान सट्टा लगवाने वालों की एसो. के शर्मा प्रधान व शर्मा कैशियर मौका पाकर भागने में सफल हो गए परंतु पुलिस ने दोनों की दुकानों से नकदी व मोबाइल बरामद करके उन्हें नामजद कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने 15 मोबाइल फोन सहित 27,356 रुपए बरामद किए हैं। 

सड़कछाप नेता पहुंचे सिफारिश करने 
इसमें कोई दो राय नहीं है कि शहर के विभिन्न इलाकों में चल रहे सट्टा बाजार के कारोबार में सिर्फ दुकानदार ही शामिल हैं, अपितु जहां प्रतिमाह उन्हें कई खाकीधारियों को कथित रूप में तय फीस चुकानी पड़ती है, वहीं इनके अलावा कई सड़कछाप नेता जो अपने दफ्तरों में बड़े पुलिस अधिकारियों अथवा नेताओं के साथ अपनी फोटो लगाकर लंबी-लंबी फैंकते हैं, उन्हें भी पैरवी करने के लिए आरोपी निश्चित फीस भेजते हैं। यही लोग थाने के बाहर अपने-अपने करीबी को छुड़वाने की जोर आजमाइश करते देखे गए। पकड़े गए आरोपियों पर गैम्बङ्क्षलग एक्ट के अलावा धोखाधड़ी की भी धारा लगाई गई है, जोकि पुलिस कम ही लगाती है। 

दिल्ली में सरगर्म प्रभावशाली लोगों के हाथ में है कमान
असल में इस खेल की कमान दिल्ली में सरगर्म बेहद प्रभावशाली लोगों के हाथों में है, जोकि सियासत में भी खासा रसूख रखते हैं। देश के कई राज्यों के शहरों में उनका पूरा तंत्र काम करता है। सट्टा लगाने वाले को दुकानदार उसके द्वारा लिखवाए गए नम्बर संबंधी हाथ में लिखकर पर्ची देते हैं। 100 नम्बरों में किसी भी नम्बर पर दाव लगाने वाले को नम्बर आने पर 10 के 100 रुपए मिलते हैं। शातिर खिलाड़ी 99 घर अपने पास रखते हैं, फिर भी लोग इस धंधे में अपनी खून-पसीने की कमाई बर्बाद करने में लगे हुए हैं।

प्रतिदिन करोड़ों रुपए के इस खेल में जीत का खिलाड़ी सट्टा किंग ही होता है, जो अपने प्यादों को जिन्दा रखने के लिए उनके लगवाए नम्बर को भी लक्की बना देता है, ताकि लालचवश प्यादे उसके साथ जुड़े रहकर लोगों का खून चूसकर उसे अमीर करते रहें। अगर जमीनी हकीकत को समझें तो इस धंधे में जुटे दुकानदारों को रक्षा करने वालों को प्रतिमाह तय फीस के साथ एक साथी भी देना पड़ता है, जो खुद ही पुलिस के पास मामला दर्ज करवाने पहुंच जाता है। 
 


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