मौखिक आदेशों की भेंट चढ़े 3 ट्रैफिक कर्मचारी

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2017 - 07:35 AM (IST)

लुधियाना(कुलवंत, राम, सुरिंद्र): ट्रैफिक पुलिस व नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर के बीच तालमेल का इस कदर अभाव है कि मौखिक आदेशों को न मानने वाले 3 ट्रैफिक कर्मचारियों को जब्री रिटायर कर दिया गया। उनका कसूर यह था कि पुलिस कमिश्नर ने चालान न काटने के आदेश दिए थे जबकि ए.डी.सी.पी. ने मुलाजिमों को कालेजों के बाहर नाके लगाने के मौखिक आदेश दिए जिसकी भेंट 3 ट्रैफिक मुलाजिम चढ़ गए जबकि ए.डी.सी.पी. ने नाके लगाने वाली बात से ही पल्ला झाड़ लिया जिस कारण पूरी ट्रैफिक पुलिस में रोष व्याप्त है और सभी कर्मचारी पुलिस लाइंस में एकत्रित हो गए ताकि वे पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी व्यथा सुना सकें लेकिन पुलिस कमिश्नर उनको नहीं मिले।

इस बात की पुष्टि करते हुए पुलिस कमिश्नर कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि यह सिस्टम को भेदने की साजिश थी जिस कारण इन मुलाजिमों को रिटायर किया गया है। इनको 3 महीने का नोटिस इसलिए नहीं दिया गया, क्योंकि यह पब्लिक हित में न होता। इनको 3 महीने के वेतन व भत्ते दिए जाएंगे। वहीं ट्रैफिक कर्मियों ने भड़ास निकालते हुए कहा कि बेशक पुलिस कमिश्नर ने मौखिक आदेश दे दिए थे लेकिन उनको नाके ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक ने लगाने को कहा था और वह अपने अधिकारी को कैसे मना कर सकते थे। उनका कहना था मंगलवार को पुलिस कमिश्नर के आदेशों के बाद भी ट्रैफिक पुलिस ने 300 चालान काटे लेकिन सजा सिर्फ 3 मुलाजिमों को ही दी गई। ज्ञात हो कि मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस ने माडल टाऊन में गल्र्स कालेज के बाहर नाकाबंदी की थी। ट्रैफिक पुलिस द्वारा बिना हैल्मेट स्कूटी पर सवार कालेज छात्राओं व कालेज के बाहर हुल्लड़बाजी करने वाले वाहन चालकों के चालान किए जा रहे थे।

बिना हैल्मेट एक स्कूटी सवार छात्रा को रोकने पर पहले तो छात्रा की ट्रैफिक पुलिस से बहस हुई तो ट्रैफिक पुलिस ने उसे भेज दिया लेकिन ट्रैफिक कर्मियों के मुताबिक छात्रा ने दोबारा आकर चालान करवाया। उसके बाद छात्रा ने सारी बात अपने प्रभावशाली पिता को बताई तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। इसके बाद यह माजरा चल पड़ा। पुलिस कमिश्नर ने सख्त रवैया अपनाते हुए तीनों को जब्री रिटायर कर दिया। जैसे ही इस बात का पता अन्य मुलाजिमों को चला तो वे रोष स्वरूप उस ए.डी.सी.पी. के पास पहुंचे जिसने नाकाबंदी करवाई थी लेकिन ए.डी.सी.पी. ने उनकी कोई सहायता नहीं की जिसके बाद मुलाजिमों ने पुलिस कमिश्नर को मिलना चाहा तो वह भी उपलब्ध नहीं हो पाए। सायं तक इंजतार करने के बाद आखिरकार अनुशासन में बंधी पुलिस काम पर लौट गई। 

चौकों से नदारद रही ट्रैफिक पुलिस, जाम में 5 घंटे फंसे रहे लोग 
ट्रैफिक मुलाजिमों की जब्री रिटायरमैंट का भुगतान जनता को भी करना पड़ा। जहां प्रमुख चौराहों से ट्रैफिक पुलिस नदारद थी, वहीं समराला चौक, चंडीगढ़ रोड, दिल्ली हाईवे, ट्रांसपोर्ट नगर, लिंक रोड, चीमा चौक, जमालपुर वर्धमान मिल चौक पर वाहनों की लंबी कतारें लगने से लोग जाम में करीब 5 घंटे तक फंसे रहे। दूसरी तरफ पुलिस मुलाजिम इंसाफ पाने के लिए पुलिस लाइंस में डटे रहे। उनका कहना था कि वे किसी भी अधिकारी के मौखिक आदेश नहीं मानेंगे। 

कर्मचारी बोले- किया गया धक्का
जब्री रिटायरमैंट से हताश ए.एस.आई. दविन्द्र सिंह, ए.एस.आई. कुलविन्द्र सिंह व हवलदार नीलकंठ का कहना था कि उनके साथ धक्का किया गया है। उन्हें पुलिस कमिश्नर आफिस बुला कर जब्री फार्मों पर साइन करवा लिए गए। उन्हें तो बाद में पता चला कि उन्हें जब्री रिटायर किया गया। उनके साथ सरासर नाइंसाफी हुई है। कार्रवाई तो उस अधिकारी के खिलाफ होनी चाहिए थी जिसने नाके लगवाए थे। उस अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि इसकी गाज निम्न मुलाजिमों पर गिरा दी गई। उनका आरोप था कि बड़े अधिकारी हमेशा छोटे कर्मियों पर गाज गिराते आए हैं। इससे मुलाजिमों का मनोबल भी गिरेगा। 


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