GST; कारोबारियों का पैसा सरकार के पास फंसेगा, छोटे उद्योग होंगे तबाह

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2017 - 01:40 PM (IST)

लुधियाना (सेठी): पहले केन्द्र सरकार की नोटबंदी और फिर जी.एस.टी. से देश में त्यौहारी सीजन फीका रहने के आसार हैं। यह आरोप पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए लगाया। इस संबंध में प्रधान प्यारे लाल सेठ, महासचिव सुनील मेहरा, मोहिंद्र अग्रवाल, समीर जैन व जिला प्रधान राधेशाम आहूजा ने बताया कि नई कर प्रणाली के पश्चात कारोबारियों का अधिकतर पैसा सरकार के पास पड़ा रहेगा, जिसका कारण 18 से 28 फीसदी की बड़ी टैक्स रेशो है।
 
उन्होंने कहा कि वैट में 2 फीसदी सी.एस.टी. से काम चल जाता था परंतु इस कर प्रणाली में बड़ी इन्वैस्टमैंट हो जाने से छोटा कारोबारी समाप्त हो जाएगा। वहीं बैंक अपने एन.पी.ए. व बिलफुल डिफाल्टर का घाटा पूरा करने के लिए सेविंग खातों में कम-से-कम 2 से 5 हजार रुपए जमा करवाने की बात करते हैं और अधिक ट्रांजैक्शन करने पर अतिरिक्त चार्ज भी लगता है। मेहरा व अग्रवाल ने बताया कि सरकार दावा करती है कि जुलाई का जी.एस.टी. टैक्स 95 हजार करोड़ रुपए इकट्ठा हुआ है, जबकि आई.टी.सी. क्लेम (प्री-जी.एस.टी.) 65 हजार करोड़ का हुआ है। वहीं ट्रान-1 पूरे व्यापारियों ने नहीं भरा है। इस संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक बार फिर कहा है कि नई कर प्रणाली लगाने में केन्द्र ने जल्दबाजी की है। व्यापार मंडल ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह सरकार पूर्व सरकार की तर्ज पर काम कर रही है। 

मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री केवल किसानों के हितैषी हैं। कारोबारियों को देने के लिए इनके पास केवल झूठे वायदे ही हैं। सरकार बनने से पूर्व 5 रुपए बिजली, प्रॉपर्टी टैक्स माफ करना, इंडस्ट्री के लिए बॉर्डर एरिया पर फ्री भूमि और कारोबारियों की कमेटियां बनाने का वायदा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। वहीं जी.एस.टी. के सख्त प्रावधान हटाने की बात पर वित्त मंत्री गेंद केन्द्र के पाले के फैंक देते हैं, जबकि कौंसिल में प्रदेश की पावर 2/3 है, जो इनकी मंशा स्पष्ट करती है कि ये लोग कारोबारियों के हित के लिए कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं, जबकि यह सरकार व्यापारियों के सहयोग से ही बनी है।


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