जी.एस.टी. से हुए घाटे को लेकर पंजाब ने केन्द्र से मांगे 800 करोड़

punjabkesari.in Sunday, Sep 17, 2017 - 11:14 PM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): जी.एस.टी. से पंजाब को हुए घाटे को लेकर पंजाब ने केन्द्र सरकार से 800 करोड़ रुपए की मांग की है। पंजाब को टैक्स वसूली के टारगेट को लेकर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण पंजाब के मोबाइल विंग को अधिक मजबूत करते हुए टैक्स चोरी करने वालों की धर-पकड़ भी की जा रही है, किंतु इतनी जुगत लड़ाने के बावजूद एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को टैक्स की वसूली नहीं हो रही। 


जानकारी में जी.एस.टी. लागू होने के उपरांत पंजाब को सीधे तौर पर टैक्स की वसूली बंद होने लगी थी, क्योंकि वैट के समय आने वाले माल पर उपभोक्ता स्टेट को टैक्स की सीधी वसूली मिलती थी, जबकि जी.एस.टी. सिस्टम लागू होने के उपरांत अब माल की खरीद पर ही व्यापारी को टैक्स देना पड़ता है। इस क्रम में अंतर प्रदेशीय व्यापार में पंजाब के व्यापारी को अन्य प्रदेशों जिनमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, एन.सी.आर., मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र से माल मंगवाना पड़ता है और यहां के व्यापारियों को माल खरीदने से पूर्व ही इन प्रदेशों को टैक्स की अदायगी करनी पड़ती है। 

 

प्रदेश सरकार द्वारा टैक्स की वसूली के बाद आधा टैक्स बेचने वाले प्रदेश को और आधा केन्द्र को भुगतान होता है। ऐसी परिस्थिति में उपभोक्ता स्टेट जहां माल उतर कर बिकता है, को कुछ नहीं मिलता। इस समय पंजाब को टैक्स की वसूली के नाम पर मात्र 18 से 20 प्रतिशत अंतर प्रदेशीय एक्सपोर्ट पर गुजारा करना पड़ रहा है, इसलिए पंजाब सरकार ने इस घाटे को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार से उक्त राशि की मांग की है।    


इस संबंध में पंजाब प्रदेश एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के एडीशनल कमिश्नर कुमार सौरभ राज (आई.ए.एस.) ने इसकी पुष्टि करते कहा कि कंज्यूमर स्टेट होने के नाते पंजाब को भी अधिक टैक्स मिलना चाहिए इसीलिए केन्द्र से 800 करोड़ की मांग की गई है। यह राशि आने वाले समय में शीघ्र मिल जाएगी।  


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