झोंपड़-पट्टी से मुक्त होगी गुरु नगरी

punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2017 - 12:24 PM (IST)

अमृतसर (महेन्द्र): मकान रहित गरीब लोगों को घर उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियान के तहत स्थानीय नगर सुधार ट्रस्ट कुछ ही दिनों में शहर की अलग-अलग स्माल बस्तियों में बनी झोंपड़-पट्टियों में रहने वाले 650 परिवारों को माल मंडी तथा न्यू अमृतसर में बने फ्लैट्स का मालिकाना अधिकार देते हुए उन्हें फ्लैट्स के कब्जे देने जा रहा है। इसकी पुष्टि नगर सुधार ट्रस्ट के एस.ई. संजीव सेखड़ी तथा ई.ओ. दयाल चंद गर्ग ने भी की है। ऐसा होने से जल्द ही गुरु नगरी झोंपड़-पट्टी से मुक्त दिखाई देगी। 

केन्द्र ने 50, राज्य सरकार व ट्रस्ट ने 20-20 फीसदी किया खर्च
ट्रस्ट के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रोजैक्ट के तहत 4 मंजिला भवन तैयार किए गए हैं। हर फ्लैट में एक बैडरूम, बाथरूम, रसोई तथा लॉबी की सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजैक्ट की कुल लागत 40 करोड़ रुपए में केन्द्र सरकार द्वारा 50 फीसदी तथा राज्य सरकार व इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट द्वारा 20-20 फीसदी खर्च किया गया है, जबकि अलॉटी को फ्लैट की कुल लागत 4.50 लाख रुपए का मात्र 10 फीसदी हिस्सा ही अदा करना पड़ेगा। अगर कोई इतनी भी राशि नहीं अदा कर सकता होगा, तो उन्हें बैंकों से कम ब्याज पर कर्ज भी दिलवाने का भी प्रावधान रखा गया हुआ है या फिर अलॉटी आसान किश्तों के जरिए भी अपने हिस्से की राशि अदा कर सकेंगे।
 

चुनावों से पहले पूर्व सरकार के कार्यकाल में निकाले गए थे फ्लैट्स के ड्रा 
8 महीने से फ्लैट्स के कब्जे के इंतजार में थे अलॉटी उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा होमलैस गरीब परिवारों को खास करके झोंपड़-पट्टियों में रहने वाले परिवारों को घर उपलब्ध करवाने की योजना के तहत पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन की पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान चुनावों से मात्र डेढ़ महीना पहले 13 दिसम्बर, 2016 को शहर की झोंपड़-पट्टियों में रहने वाले गरीब परिवारों को लागत मूल्य की मात्र 10 फीसदी राशि में ही फ्लैट्स अलॉट करते हुए स्थानीय सिटी सैंटर में स्थित गुरु नानक भवन में पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने अपनी उपस्थिति में फ्लैट्स के ड्रा निकाले थे।

भाजपा-अकाली गठबंधन विरोधी दल इसे वोटरों को लुभावने वाली राजनीतिक नीति का हिस्सा मान कर देख रहे थे, लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही भाजपा-अकाली नेता इस योजना को न सिर्फ भूल चुके दिखाई दे रहे हैं, बल्कि विधान सभा चुनावों में भारी पराजय मिलने के पश्चात किसी भी नेता ने इस योजना के तहत अलाटियों को फ्लैट्स दिलाने के लिए प्रयास तक भी करना उचित नहीं समझा। यही कारण है कि जिन परिवारों को फ्लैट्स अलॉट किए गए थे, वे सभी पिछले 8 महीनों से अलॉट हुए फ्लैट्स का कब्जा हासिल करने के इंतजार में दिखाई दे रहे हैं। 

4.5 लाख की लागत वाला फ्लैट मात्र 45,000 में 
  गुरु नगरी अमृतसर के अलग-अलग हिस्सों में स्थित स्लम एरिया समाप्त करने के लिए भाजपा-अकाली गठबंधन की पूर्व सरकार ने बी.एस.यू.पी. स्कीम के तहत एक विशेष प्रोजैक्ट तैयार किया था जिसके तहत 40 करोड़ रुपए की लागत से शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्थानीय नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा कुल 880 फ्लैट्स तैयार किए गए थे जो शहर के विभिन्न इलाकों के पिछड़े इलाकों में रह रहे गरीब परिवारों को फ्लैट पर आई लागत का मात्र 10 फीसदी हिस्सा यानि मात्र 45,000 रुपए में अलॉट कर उन्हें मालिकाना अधिकार देने की घोषणा की गई थी।

इस योजना के तहत माल मंडी में 416 तथा न्यू अमृतसर में 464 फ्लैट्स तैयार करवाए गए थे। इन की अलॉटमैंट के लिए स्थानीय नगर निगम ने अपने स्तर पर शहर में बनी झुग्गी-झोपडिय़ों में रह रहे कुल 732 परिवारों की सूची तैयार की, बाद में की गई छंटनी में 650 परिवारों के आवेदन-पत्रों को सही पाया गया था, जो चमरंग रोड, एकता नगर, ट्रक स्टैंड, भगतां वाला डम्प, वल्ला बाईपास, दाना मंडी भगतां वाला, गिलवाली गेट, वल्ला नहर, फैजपुरा आबादी, बगीची गोकल चंद, एकता नगर, झब्बाल रोड, किरण कालोनी, रणजीत एवेन्यू, अवध नगर, हिम्मतपुरा, सूरता सिमह रोड तथा रीगो ब्रिज इलाकों से संबंधित हैं। 


 


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