सुषमा के बयान के बाद,हरजीत मसीह ने कहा मुझे मिली सच बोलने की सजा

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 03:53 PM (IST)

गुरदासपुर(विनोद):विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा इराक के मोसुल में फंसे 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि करने के बाद हरजीत मसीह का बयान सामने आया है। हरजीत मसीह वही एकमात्र शख्स है जो आई.एस.आई.एस. के चुंगल से बच निकला था। वह लंबे समय से दुहाई दे रहा था कि इराक में उसके 39 साथियों को आई.एस.आई.एस. ने मार गिराया है।
 

 

पर उस समय उसकी बातों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। आज सुषमा स्वराज का बयान सामने आने के बाद उन्होंने कहा कि उसके दावे को केन्द्र सरकार ने झूठा करार देते हुए उसे कई झूठे केसों में फंसाकर जेल मे डाल दिया था। आज उसकी केन्द्र सरकार ने 39 भारतीयों की आंतकियों द्वारा हत्या किए जाने की पुष्टि कर दी है। उन्होंने मांग की है कि मेरे पर दायर सभी झूठे केस वापिस लिए जाए तथा मुझे बनता मुआवजा दिया जाए।


 हरजीत मसीह ने अपने वकील मुनीष कुमार के साथ बताया कि वह 31 जुलाई 2013 को कुछ अन्य नौजवानों के साथ रोजगार की तलाश में  ईराक गया था।  14 जून 2014 को आंतकियों ने 39 भारतीय नौजवानों का अपहरण कर लिया था, जबकि वह  उनके चुंगल से बच निकला था। तब उसने भारत आने की कोशिश की। उसे ईराक बार्डर पर भारतीय दूतावास के लोगों ने पकड़ लिया और दिल्ली भेज दिया। कुछ माह उसे भारत सरकार की गुप्तचर ऐजैंसियों ने अपने पास रखकर पूछताश की। तब उसने उन्हे स्पष्ट कर दिया था कि भारतीय नौजवानों का आंतकियों ने अपहरण कर मौत के घाट उतार दिया है। पंरतु उसकी बात का किसी ने यकीन नही किया। उसके बाद उसने अपने गांव पंहुच कर भी समाचार पत्रों के माध्यम से इस सारी घटना की जानकारी सार्वजनिक कर दी थी।
           
 

 

उसके बाद उसके बुरे दिन शुरू हो गए। सरकार के इशारे पर एक महिला गुरपिन्द्र कौर पुत्री हरदीप सिंह निवासी भोएवाल ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके भाई मनजिन्द्र सिंह को उसकने तथा एक अन्य व्यक्ति राजबीर सिंह पुत्र प्रकाश सिंह निवासी रमदास ने 2 लाख रुपए लेकर दुबई भेजा तथा 2 माह बाद ही वापिस भारत भेज दिया। उसके बाद मनजिन्द्र सिंह को बगदाद भेजा तथा वहां पर 3 दिन एयरर्पोट पर रखा तथा वहां एक भारतीय लड़की की मदद से भारत वापिस आ गया।

 

उसके बाद फिर दोनो ने 31 जुलाई 2013 को ईराक भेज दिया। मनजिन्द्र सिंह तब मोबाइल पर आरोप लगाता था कि हरजीत मसीह तथा राजबीर ने हमें दुबई भेजने की बात कर ईराक भेज दिया है। 15 जून 2014 को उसके भाई मनजिन्द्र का फोन आया था तथा उसके बाद फोन बंद हो गया। हरजीत मसीह ने आरोप लगाया कि गुरपिन्द्र कौर के बयान के आधार पर फतेहगढ़ चूडियां पुलिस ने 30 मार्च 2016 को धारा 420,406,370,34,10,24,26 अधीन केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था तथा उसका केस अदालत मे चल रहा है।   


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