लापरवाही : पंजाब की जेलों में बढ़ रहे HIV पॉजीटिव

punjabkesari.in Saturday, Mar 17, 2018 - 07:58 AM (IST)

अमृतसर(संजीव): पंजाब की जेलों में बढ़ रही एच.आई.वी. पॉजीटिव की संख्या जहां एक ङ्क्षचता का विषय है, वहीं इसके पीछे सरकार की भी लापरवाही सामने आ रही है। इसका बड़ा कारण जेल में जाने से पहले कैदियों व हवालातियों की ठीक से मैडीकल जांच न होना सामने आया है। अगर कैदी पहले से एच.आई.वी. पॉजीटिव है तो इसके बारे में जेल प्रशासन को पूरी तरह जानकारी होनी चाहिए और अगर कोई कैदी जेल जाने के बाद एच.आई.वी. पॉजीटिव हुआ है तो यह गंभीर जांच का मामला बन जाता है। दोनों ही सूरतों में यह तभी संभव हो सकता है, अगर हर कैदी की जेल में जाने से पहले ठीक से मैडीकल जांच करवाई जाए, ताकि उसे डाक्टरी रिपोर्ट के साथ जेल भेजा जाए। 

जेलों में 1478 एच.आई.वी. पॉजीटिव सामने आए
पंजाब की जेलों में 1478 एच.आई.वी. पॉजीटिव सामने आने के बाद माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर हो चुकी है जिसमें इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच करवाने की मांग रखी गई है। हाई कोर्ट द्वारा उक्त मामले में पंजाब की सभी जेलों को 18 मार्च तक पूरी रिपोर्ट बनाकर अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है, जिसमें अधिकारी बताएंगे कि जेल में बंद एच.आई.वी. पॉजीटिव कैदी कब से पीड़ित हैं और उनके उपचार के लिए जेल प्रशासन द्वारा क्या-क्या प्रबंध किए गए हैं।

ईमानदार पुलिस अधिकारियों की उच्च स्तरीय एस.आई.टी. करे जांच 
जेलों में बढ़ रही एच.आई.वी. पॉजीटिव की संख्या का मंथन जरूरी हो चुका है। इसके लिए ईमानदार पुलिस अधिकारियों की एक उ"ा स्तरीय सिट बनाई जानी चाहिए, जो जेलों में बंद एच.आई.वी. पॉजीटिव से जमीनी स्तर पर मिल कर निष्पक्ष रिपोर्ट तैयार करे और उनके पॉजीटिव होने के कारणों संबंधी पूरा ब्यौरा तैयार किया जाए। तैयार की गई रिपोर्ट से यह पता चल पाए कि जेलों में बंद ये मरीज कब से पीड़ित हैं और इनके पॉजीटिव्स होने के पीछे क्या-क्या कारण रहे हैं, अगर उन कारणों में कहीं जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आती है तो उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो इसके जिम्मेदार पाए जाएं। 

नहीं होती हवालाती की एच.आई.वी. पॉजीटिव होने या न होने की जांच 
जेल जाने से पहले हवालातियों की ठीक से मैडीकल जांच नहीं करवाई जाती। यह खुलासा तब हुआ जब न्यायपालिका द्वारा हवालातियों को ’यूडीशियल रिमांड पर भेजने के निर्देश जारी होते हैं और पुलिस उनका स्थानीय सिविल अस्पताल से मैडीकल करवा उन्हें जेल भेज देती है। अस्पताल में किसी भी हवालाती की एच.आई.वी. पॉजीटिव होने या न होने की जांच नहीं की जाती और मात्र कागजी कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया जाता है। 

पंजाब की 9 जेलों में 1478 कैदी एच.आई.वी. पीड़ित पाए गए 
पंजाब की 26 जेलों में से 9 जेलों में करीब 1478 एच.आई.वी. पॉजीटिव पाए गए। यही नहीं नॉर्थ इस्ट के 8 रा’य सिक्कम, नागालैंड, मिजोरम, मनीपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालया व असम की जेलों में भी बंद कैदियों में एच.आई.वी. पीड़ितों की संख्या काफी अधिक है।  यह बड़ा खुलासा नैशनल एड्ज कंट्रोलन ऑर्गेनाइजेशन (नाको) द्वारा कैदियों की करवाई गई स्क्रीङ्क्षनग के बाद हुआ। नाको ने अब यह फैसला लिया है कि देश भर की जेलों में बंद कैदियों की एच.आई.वी. जांच करवाई जाए जिसके लिए रा’य में काम कर रही एड्ज कंट्रोल सोसायटियों की सहायता ली जाएगी। 2 चरणों में पूरा होने वाले इस काम की शुरूआत कर दी गई है। 


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