सिद्धू के चुनाव मैदान में उतरते ही हॉट हो गई अमृतसर सीट

punjabkesari.in Saturday, Feb 04, 2017 - 11:16 AM (IST)

अमृतसर (अनिल भारद्वाज): पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू के चुनावी मैदान में उतरने से अमृतसर ईस्ट सीट भी लंबी, जलालाबाद, पटियाला और मजीठा की तरह हॉट सीट बन गई है। जैसे अन्य हॉट सीटों पर हर किसी की निगाह टिकी हुई है, उसी तरह अब सियासी हलकों में भी यही चर्चा है कि आखिर भाजपाई से कांग्रेसी बनने वाले नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? यह भविष्य निर्र्भर करेगा अमृतसर ईस्ट सीट के नतीजे पर। 

अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर 3 बार सांसद बनने वाले नवजोत सिंह सिद्धू एम.एल.ए. चुनाव से नई राजनीतिक शुरूआत कर रहे हैं। वह भी उस पार्टी से जिसके खिलाफ उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। इसमें कोई दो राय नहीं कि पंजाब की राजनीति में नवजोत सिद्धू एक बड़ा नाम है। अमृतसर का कोई शख्य उनसे अनजान नहीं है लेकिन वोट पॉलीटिक्स में वोटर भगवान होता है। ऐसे में उनके परिवार सहित सभी समर्थक अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से उनकी जीत को सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। सुबह सेे रात तक नुक्कड़ सभाओं और वर्करों के साथ बैठकों का दौर जारी है। 

चूंकि, सिद्धू कांग्रेस के स्टार कैंपेनर भी हैं और उन्होंने पी.पी.सी.सी. अध्यक्ष कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरह ही विभिन्न सीटों पर कांग्रेसी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना है, ऐसे में अमृतसर ईस्ट पर उनके प्रचार की कमान मुख्य रूप से उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने संभाल रखी है। वैसे भी इस क्षेत्र में मुख्यत: वही सक्रिय रही हैं, क्योंकि 2012 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में वही यहां से चुनाव जीती थीं और लगातार 5 साल उनकी गतिविधियां प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय थीं। चाहे वह प्रदेश की सी.पी.एस. रहते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलने का मामला हो या फिर बादल परिवार के खिलाफ मोर्चा खोलने का, डॉ. सिद्धू लगातार सुॢखयोंं में रही हैं। वह लगातार कहती रही हैं कि भाजपा को शिअद से अलग होकर विधानसभा चुनाव लडऩा चाहिए और आखिर पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके बाद जहां अकाली-भाजपा गठबंधन के खिलाफ उनके हमले तेज हुए, वहीं बीच-बीच में वह ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल की तारीफ भी करती रहीं। आखिर पति-पत्नी कांग्रेस मेंं शामिल हो गए। 

नतीजा नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के रूप में अमृतसर ईस्ट से मैदान में हैं। कहा जा सकता है कि अकाली-भाजपा गठबंधन से अलग होकर किसी अन्य दल के प्रत्याशी के रूप मेंं चुनाव लडऩे की तैयारी सिद्धू दंपति ने उसी समय से कर ली थी, जब उन्होंने अपनी ही सरकार पर हमले शुरू किए थे। फिर चाहे वह अमृतसर के प्रोजैक्टों मेंं रोड़े अटकाने के बादल सरकार पर लगाए गए आरोप हों या पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बादल परिवार पर सिद्धू के तीखेे हमले। एक तरह से पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने विधानसभा चुनाव की सियासी पिच काफी पहले से ही तैयार कर ली थी और अब तो वह इस पर बैटिंग करने उतरे हैं।


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