पाक के आतंकी संगठनों के निशाने पर है ICP

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 11:55 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): एक तरफ जहां केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से गणतंत्र दिवस के मद्देनजर पूरे देश में आतंकी हमलों का अलर्ट जारी किया जा चुका है, वहीं पाक समर्थित आतंकवादी संगठनों के निशाने पर चल रही आई.सी.पी. अटारी 26 जनवरी 2018 को भी बिना ट्रक स्कैनर के काम करेगी क्योंकि यहां ट्रक स्कैनर नहीं है।कस्टम विभाग सहित आई.सी.पी. पर तैनात अन्य एजैंसियां दर्जनों बार आई.सी.पी. अटारी पर ट्रक स्कैनर लगाने की मांग लिखित रूप में कर चुकी हैं। यहां तक कि आई.सी.पी. का उद्घाटन करते समय 13 अप्रैल 2012 को तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री पी.चिदम्बरम ने 7 हफ्तों में आई.सी.पी. पर ट्रक स्कैनर लगाने का ऐलान किया था लेकिन वे 7 हफ्ते आज तक आए। केन्द्र में सत्ता परिवर्तन हो गया और मोदी सरकार के मौजूदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू तक ने जल्द ही आई.सी.पी. पर ट्रक स्कैनर लगाने का ऐलान किया लेकिन अभी तक यह काम कागजों में ही चल रहा है।पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात करने वाले व्यापारी हों, सी.एच.ए. या फिर अन्य एजैंसियां, लंबे समय से यही मांग कर रही हैं कि आई.सी.पी. अटारी पर ट्रक स्कैनर लगाया जाए लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में बार्टर ट्रेड शुरू कर दिया जिसमें कई बार हैरोइन व हथियारों की खेप पकड़ी जा चुकी है। 

पाकिस्तानी आई.सी.पी. पर 2-2 ट्रक स्कैनर
भारत सरकार की तुलना में पाकिस्तानी आई.सी.पी. पर जहां किसी आतंकवादी हमले का खतरा नहीं है, वहीं पाकिस्तान सरकार ने 2-2 ट्रक स्कैनर लगा रखे हैं। एक स्कैनर भारत की तरफ से पाकिस्तान जाने वाले ट्रकों को चैक करता है और दूसरा पाकिस्तान की तरफ से भारतीय आई.सी.पी. में जाने वाले ट्रकों को चैक करता है। आई.सी.पी. पर हमला करने की लगातार धमकियां दे रहे पाकिस्तानी आतंकी संगठन इसी प्रकार की किसी चूक का इंतजार कर रहे हैं, वे नहीं चाहते कि भारत व पाकिस्तान के बीच किसी प्रकार के व्यापारिक रिश्ते मजबूत हों।

खुफिया एजैंसियों ने भी गृह मंत्रालय को भेजी है रिपोर्ट
अटारी आई.सी.पी. में किस प्रकार से ट्रक स्कैनर व सी.सी.टी.वी. कैमरों के मामले में लापरवाही की जा रही है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आई.सी.पी. पर तैनात सभी खुफिया एजैंसियां केन्द्रीय गृह मंत्रालय को इस बारे कई बार खुफिया रिपोर्ट भेज चुकी हैं और इसमें हो रही लापरवाही की जानकारी भी दी गई है लेकिन केन्द्र सरकार ने अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है, मात्र आश्वासन ही दिए जा रहे हैं।

आई.सी.पी. में सीधे आ-जा सकते हैं ट्रक
अटारी बार्डर स्थित आई.सी.पी. की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां पर पाकिस्तान को एक्सपोर्ट की जाने वाली वस्तुओं के सभी ट्रक सीधा पाकिस्तानी आई.सी.पी. में जा सकते हैं। इसी प्रकार से पाकिस्तान के ट्रक बॉर्डर क्रास करके सीधे आई.सी.पी. में आ सकते हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच ’वाइंट चैक पोस्ट के रास्ते आयात-निर्यात होता था और कुली अपने सिर पर सामान उठा कर पाकिस्तानी सीमा में पाकिस्तानी कुलियों को पकड़ाते थे जिससे आयात-निर्यात की टर्न-ओवर काफी कम हो जाती थी जिस प्रकार से ट्रक स्कैनर लगाने केमामले में लापरवाही बरती जा रही है, वह आई.सी.पी. की सुरक्षा में एक बड़ी सेंध की तरफ इशारा कर रही है। पाकिस्तानी अधिकारियों पर विश्वास नहीं है और पाकिस्तानी आतंकवादी तो पहले ही इसे उड़ाने की कई बार धमकी दे चुके हैं।

आई.सी.पी. पर आने वाले ट्रक से पकड़ी जा चुकी है हैरोइन
सिर्फ पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन ही आई.सी.पी. को उड़ाने के लिए सक्रिय नहीं हैं बल्कि पाकिस्तानी तस्कर भी किसी न किसी लापरवाही की फिराक में रहते हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान को वस्तुओं की अनलोडिंग करने के बाद वापस आने वाले एक ट्रक से पुलिस द्वारा 2 किलो हैरोइन की खेप पिछले वर्षों के दौरान पकड़ी जा चुकी है जो साबित करता है कि आई.सी.पी. की सुरक्षा में तस्कर भी सेंध लगाने का प्रयास करते हैं।

 सी.सी.टी.वी. कैमरे भी अनेक प्रयासों के बाद हुए ठीक
आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर ट्रक स्कैनर ही नहीं बल्कि सी.सी.टी.वी. कैमरे भी बड़ी प्रयासों के बाद ठीक करवाए गए हैं। पिछले वर्ष पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 4 महीनों के दौरान गुरदासपुर व पठानकोट के इलाके में लगातार 2 बार फिदायीन हमला किया गया तो पंजाब सहित पूरे देश में रैड अलर्ट कर दिया गया लेकिन आई.सी.पी. अटारी के 150 सी.सी.टी.वी. कैमरे बंद नजर आए जिनको सांसद श्वेत मलिक द्वारा केन्द्र सरकार से बातचीत करने के बाद बदली और ठीक करवाया गया। 

देश की पहली आई.सी.पी. है अटारी में 
पूर्व यू.पी.ए. सरकार द्वारा पाकिस्तान व बंगलादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ आयात-निर्यात बढ़ाने व आसान करने के लिए कई बार्डरों पर आई.सी.पी. बनाने की योजना शुरु की थी जिसमें देश की पहली आई.सी.पी. अमृतसर के अटारी बार्डर पर बनाई गई। इसका निर्माण लगभग 120 एकड़ जमीन पर 150 करोड़ रुपए से ’यादा की लागत से किया गया है और यहां पर 400 ट्रकों के खड़े होने की व्यवस्था के साथ-साथ पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम, सभी सुरक्षा एजैंसियों के अधिकारियों के दफ्तर, पाकिस्तान से आने वाले ट्रकों के खड़े होने की व्यवस्था, लेबर के बैठने व सामान की लोडिंग-अनलोडिंग की व्यवस्था की गई है।

बी.एस.एफ. व कस्टम को है सबसे ज्यादा परेशानी
ट्रक स्कैनर लगाने के काम में लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बरती जा रही लापरवाही से सबसे ज्यादा प्रभावित बी.एस.एफ. व कस्टम हैं क्योंकि आई.सी.पी. की सुरक्षा की जिम्मेदारी बी.एस.एफ. की है, और कस्टम विभाग भी पाकिस्तान से आने-जाने वाले वस्तुओं की रैमजिंग करता है। यदि पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं में हैरोइन या फिर कोई अन्य आपत्तिजनक वस्तु की खेप पकड़ी जाए तो दोनों विभागों पर अंगुली उठती है।

एक वर्ष में लग जाएगा ट्रक स्कैनर
ट्रक स्कैनर के संबंध में जब एल.पी.ए.आई. के एक उच्चाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्कैनर लगाने का काम शुरू हो चुका है और एक वर्ष के भीतर ट्रक स्कैनर लग जाएगा। इतने वर्षों से स्कैनर क्यों नहीं लगाया गया, इसका उत्तर अधिकारी के पास नहीं था। 


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