घुसपैठ की बदनामी ने ठप्प किया बमियाल का कारोबार

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 07:35 AM (IST)

गुरदासपुर (विनोद): पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पहले दीनानगर पुलिस स्टेशन तथा बाद में पठानकोट एयरबेस पर हमला किए जाने कारण बमियाल इलाका आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए बदनाम होकर रह गया है। अब इस बमियाल इलाके में सीमा सुरक्षा बल तथा पुलिस द्वारा इतनी सख्ती की गई है कि वहां से घुसपैठ करना किसी भी तरह से सम्भव दिखाई नहीं देता। बमियाल इलाके के घुसपैठ संबंधी बदनाम होने कारण बमियाल कस्बे सहित आसपास के गांवों के कारोबार पर भी गहरा असर पड़ा है। लोग अपने कारोबार को डूबता देख परेशानी की हालत में दिन व्यतीत कर रहे हैं।

इन घटनाओं के बाद जताई गई घुसपैठ की आशंका
दीनानगर पुलिस स्टेशन पर 15 अप्रैल 2015 को हुआ आतंकी हमला पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना था क्योंकि तब आतंकवादियों ने पूरा दिन पुलिस का मुकाबला किया था। तब सेना को मौके पर बुला लिया गया था परंतु पंजाब पुलिस ने अपने स्तर पर आतंकवादियों का मुकाबला करने का निर्णय लेकर आतंकवादियों को मार गिराया था। इसी तरह 1 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था तब आतंकवादी 2 दिन तक सेना के साथ टक्कर लेते रहे थे। कहा जाता है कि दोनों ही स्थलों पर हमला करने वाले आतंकवादी नरोट जैमल सिंह या बमियाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने में सफल हुए थे परंतु अभी तक इस की प्रामाणिकता साबित नहीं हुई।

इसी तरह नरोट जैमल सिंह इलाके में भी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 3 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे। यह भी कहा जाता है कि वे बमियाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने में सफल हुए थे। इन आतंकी हमलों के बाद समय-समय पर गुप्तचर एजैंसियों द्वारा इस इलाके से घुसपैठ की इनपुट जारी होती रही है। इस इलाके में कई बार सर्च अभियान भी चलाया जा चुका है। कई बार इसी इलाके से लावारिस वाहन भी पकड़े गए हैं तथा गुज्जरों के डेरों की तलाशी भी समय-समय पर ली जाती रही है। इन सभी बातों को लेकर यह बमियाल इलाका घुसपैठ के लिए बदनाम होकर रह गया है।

कई परिवार हो चुके हैं इलाका छोडऩे को मजबूर 
इस संबंधी बमियाल निवासी सुरिन्द्र महाजन सचिव पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी, मां वैष्णो क्लब के प्रधान यशपाल वर्मा, हरदीप सिंह शिवसेना नेता, बिट्टू पूर्व सरपंच गांव मंजीरी, सुमित शर्मा निवासी गांव रमकालवां आदि ने कहा, यह ठीक है कि बमियाल कस्बा भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसा है जबकि गांव पहाड़ीपुर तो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से मात्र 200 मीटर दूरी पर बसा हुआ है। जब भी भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बनता है तो सबसे पहले हमारे गांवों को ही खाली करवाया जाता है। कई परिवार बमियाल छोड़ कर शहरों में जा बसे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें कुछ गुप्चर एजैंसियों की भूमिका भी है। यदि यही क्रम जारी रहता है तो निश्चित रूप में यह इलाका पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। हम सीमा पर रह कर पाकिस्तान की हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। बमियाल को जिस तरह से पूरे देश में बदनाम किया जा रहा है, यह गलत है। उन्होंने कहा, हो सकता है कि कुछ गुज्जरों के डेरों पर समाज विरोधी तत्वों को शरण मिलती हो। उसके लिए चाहिए कि भारत-पाकिस्तान सीमा से 10 किलोमीटर की पट्टी में किसी गुज्जर को डेरा न बनाने दिया जाए। 

इलाका संवेदनशील लेकिन पुलिस हर चुनौती का सामना करने को तैयार : रोहित चौधरी
इस संबंधी पंजाब पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक रोहित चौधरी ने इस इलाके का दौरा करने के बाद बताया कि बमियाल में स्थापित पुलिस चौकी पहले बहुत ही असुरक्षित स्थान पर चलाई जा रही थी। अनाज मंडी की 2 दुकानों में यह चौकी चलाई जा रही थी जबकि इस इलाके में सीमा सुरक्षा बल के साथ-साथ पुलिस का भी जोरदार तंत्र होना जरूरी है, इसलिए नई पुलिस चौकी की इमारत का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।

अभी पुलिस चौकी कम्युनिटी हाल में शिफ्ट कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस इलाके में पुलिस की गश्त बहुत अधिक की गई है तथा गुप्तचर तंत्र भी मजबूत किया गया है। लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। जल्द ही सारी स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बमियाल इलाके के एक तरफ पाकिस्तान की सीमा लगने तथा दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर राज्य की सीमा होने के कारण यह इलाका कुछ संवेदनशील जरूर है, परंतु पुलिस हर चुनौती का सामना करने को तैयार है।


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