प्रशासन ने नहीं छपवाए पोस्टल बैलेट पेपर, कर्मचारियों को संवैधानिक अधिकार से रखा जा रहा है वंचित

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 10:46 AM (IST)

जालंधर  (अमित): पंजाब स्टेट मिनिस्टीरियल सर्विसिज यूनियन के प्रधान सुखजीत सिंह की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को ए.डी.सी. (डी)-कम-अतिरिक्त जिला चुनाव आफिसर डा. भूपिन्द्र पाल सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। 
पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में सुखजीत सिंह ने कहा कि उनके द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में लिखा गया है कि इस बार के नगर निगम चुुनावों में ड्यूटी करने वाले लगभग 5 हजार मुलाजिमों को उनके वोट डालने के संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा गया है। 


उन्होंने कहा कि जालन्धर में नगर निगम चुनाव-2017 हो रहे हैं। इसके लिए 16 दिसम्बर, 2017 को चुनाव करवाने के लिए अलग-अलग सैंटरों से करीब 5 हजार सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों को भेजा जाना है।अलग-अलग मुलाजिमों की तरफ से यूनियन के ध्यान में इस बात को लाया गया है कि इस बार निगम चुनाव में मुलाजिमों को उनके वोट डालने के संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा जा रहा है, क्योंकि प्रशासन ने पोस्टल बैलेट पेपर ही प्रिंट नहीं करवाए हैं जिस कारण मुलाजिमों के अंदर जिला प्रशासन/चुनाव आयोग के प्रति भारी रोष  पाया जा रहा है। इसलिए उन्होंने यूनियन की तरफ से ए.डी.सी. को निवेदन किया है कि मुलाजिमों को नगर निगम चुनाव-2017 में भारत के संविधान के अनुसार दिए गए अधिकार के तहत वोट डालने के मौका दिया जाए ताकि उनके संवैधानिक अधिकार का हनन न हो सके।

 

प्रशासन के पास पोस्टल बैलेट पेपर उपलब्ध, इनको इतनी देर बाद क्यों आई याद : डी.सी.

डी.सी. वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि प्रशासन के पास पोस्टल बैलेट पेपर उपलब्ध हैं। जिन लोगों ने आवेदन दिया था, उनको पोस्टल बैलेट पेपर अवश्य मिलेंगे। आमतौर पर कम से कम एक हफ्ता पहले कर्मचारियों को इसके लिए आवेदन देना होता है। यह बात समझ से परे है कि इतनी देर बाद इन्हें इस काम की याद क्यों आई? 
अगर यूनियन को किसी बात की शंका थी, तो समय रहते बताना चाहिए था। चुनाव से 48 घंटे पहले नए पोस्टल बैलेट पेपर छपवाना संभव नहीं है। प्रशासन ने जहां बैलेट पेपर छपवाए हैं, वहीं पोस्टल बैलेट पेपर छपवाना कोई मुश्किल काम नहीं था।


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