दुर्गयाना मंदिर नहीं गए जस्टिन ट्रूडो

punjabkesari.in Thursday, Feb 22, 2018 - 10:47 AM (IST)

अमृतसर  (कक्कड़): कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बुधवार को करीब साढ़े 6 घंटे गुरु नगरी में रहे। सुबह 10 बजे ही उनका चार्टर्ड प्लेन अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंच गया था और 11.35 बजे वह हवाई अड्डे से दरबार साहिब के लिए रवाना हुए। दरबार साहिब में जस्टिन ट्रूडो करीब एक घंटा रुके। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी सोफी और बच्चे मौजूद थे। उसके बाद वह कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ मुलाकात के लिए होटल ताज पहुंचे। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ उनकी 40 मिनट तक मुलाकात हुई और शाम 4.40 बजे उनका प्लेन अमृतसर हवाई अड्डे से टेक ऑफ हो गया। अपने इस साढ़े 6 घंटे के दौरे के दौरान जस्टिन ट्रूडो हिन्दुओं के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री दुर्गयाना  मंदिर नहीं गए। इस कारण हिन्दू समाज अपने आप को आहत महसूस कर रहा है।

 

कैप्टन के साथ मुलाकात तय हो सकती है तो श्री दुर्गयाना मंदिर बारे कार्यक्रम क्यों नहीं
श्री दुर्गयाना कमेटी के अध्यक्ष रमेश चन्द्र शर्मा ने आज पंजाब केसरी को बताया कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अमृतसर दौरे पर उत्तरी भारत के हिन्दुओं के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री दुर्गयाना मंदिर में दर्शनों के लिए नहीं आने पर समस्त हिन्दू जगत में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि ट्रूडो की पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ मुलाकात की करीब 24 घंटे पहले तक कोई रूप-रेखा तय नहीं थी। जब कै. अमरेन्द्र सिंह की मुलाकात की रूपरेखा 24 घंटे में बन सकती है तो फिर ट्रूडो इतने समय में श्री दुर्गयाना मंदिर में माथा टेकने का कार्यक्रम क्यों नहीं बना सकते थे? -रमेश चन्द्र शर्मा, प्रधान श्री दुर्गयाना कमेटी 
कनाडा में हिन्दू भी रहते हैं 

 

कहीं साजिश का हिस्सा तो नहीं 
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जो कि श्री हरिमंदिर साहिब अमृतसर में आगमन दौरान पहुंचे और उन्होंने वहां माथा टेका लेकिन उन्होंने श्री दुर्गयाना मंदिर जहां देश और विदेश के मंत्री, वी.वी.आई.पीज नतमस्तक होने आते हैं, में न जाकर हिन्दू समाज को अलग दिखाने का जो घटनाक्रम किया है वह अति ङ्क्षनदनीय है और इससे समूह हिन्दू समाज में व्यापक रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे भी शायद कोई साजिश चल रही है क्योंकि अमृतसर आगमन व कहां-कहां जाना है यह पहले से ही तय किया गया था लेकिन दुखद बात यह है कि इसमें श्री दुर्गयाना मंदिर को शामिल नहीं किया गया। -अरुण कुमार पोपा, प्रधान ऑल इंडिया हिन्दू संघर्ष सेना। 

 

भेदभाव की नीति उजागर हुई
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो श्री हरिमंदिर साहिब अमृतसर पहुंचे लेकिन श्री दुर्गयाना मंदिर नतमस्तक होने के लिए नहीं आए, इससे हिन्दुओं की भावनाओं को भारी ठेस पहुंची है। इसके पीछे भी शायद किसी की साजिश चल रही है क्योंकि जब भी किसी देश के मंत्री व प्रधानमंत्री का अमृतसर आगमन होता है तो उन्होंने कहां-कहां जाना होता है यह पहले से तय होता है लेकिन हिन्दुओं के एक ही नगर में मात्र कुछ ही दूरी पर हिन्दुओं के धार्मिक स्थल श्री दुर्गयाना मंदिर में न जाकर जस्टिन ट्रूडो ने हिन्दू-सिख के बीच अपनी भेदभाव की नीति को उजागर किया है।
-कौशल शर्मा, पंजाब प्रधान शिवसेना शेर-ए-हिन्द


लोगों को बांटने से समस्या का हल नहीं : ट्रूडो
अमृतसर (ममता): पार्टीशियन म्यूजियम में बंटवारे की दास्तां और दर्द संबंधी तस्वीरें देखकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जहां काफी हैरान हुए, वहीं उन्होंने म्यूजियम में बने पेड़ के पत्ते पर लिखा, हमेशा याद रखें लोगों को बांटने से किसी समस्या का हल नहीं निकलता, हमें सारे भेदभाव मिटाकर इकट्ठे रहना सीखना चाहिए।  श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के उपरांत जस्टिन ट्रूडो सीधे पार्टीशियन म्यूजियम पहुंचे। वहां लगभग 20 मिनट तक रुके और उन्होंने पूरे ध्यान से म्यूजियम में रखी एक-एक चीज को देखा और इसकी जानकारी भी हासिल की।  इस दौरान सांसद गुरजीत सिंह औजला, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्ध और नगर निगम के मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू उपस्थित थे। उन्होंने वहां पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से बुके देकर स्वागत किया और बाद में म्यूजियम के बारे में जानकारी भी दी।


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