स्कूली बच्चें की रिपोर्ट पर: खुले में शौच मुक्त डिक्लेयर होगा लुधियाना

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 04:16 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): अगर लुधियाना ने खुले में शौच मुक्त होने का दर्जा हासिल करना है तो उसे पहले हर स्कूली बच्चे से सर्टीफिकेट हासिल करना होगा कि उनके घर में शौचालय बना हुआ है।केन्द्र ने स्वच्छ भारत मुहिम के तहत खुले में शौच की समस्या हल करने का पहलु मुख्य रूप से शामिल किया हुआ है, जिसके तहत लोगों को खुले में शौच न जाने बारे जागरूक करने का जिम्मा तो नगर निगमों को सौंपा ही गया है। उसके अलावा पब्लिक टॉयलेट बनाने व घरों में शौचालयों के निर्माण के लिए फंड भी रखा गया है, जिसे खर्च करने का दावा करने के बावजूद भी लुधियाना को खुले में शौच मुक्त होने का दर्जा हासिल नहीं होगा। बल्कि हरेक स्कूली बज्जे से लिखवाना होगा कि उनके घर में शौचालय बना हुआ है। इसकी टीचर व प्रिंसीपल द्वारा क्रास चैकिंग की जाएगी। फिर भी मुद्दा हल नहीं होगा, क्योंकि इस बारे में सैल्फ हैल्प ग्रुपों तथा पार्षद व मेयर से भी सर्टीफाई करवाना जरूरी है। 

स्मार्ट सिटी के तहत पूरी होगी निगम की जिम्मेदारी
सरकार ने साफ किया है कि उसी शहर को खुले में शौच मुक्त डिक्लेयर किया जाएगा। जहां नगर निगम द्वारा लोगों को सार्वजनिक शौचालय मुहैया करवाने के मामले में बनती जिम्मेदारी पूरी कर ली जाएगी। इसके तहत निगम द्वारा मौजूदा टॉयलेट की रिपेयर करवाई जा रही है। जहां तक नए टॉयलेट बनाने का सवाल है, उसके तहत स्व४छ भारत मुहिम के तहत मिलने वाली ग्रांट के बाकी हिस्सा डालने के लिए जिन एन.जी.ओ. से एग्रीमैंट किया गया, वह बीच में ही काम छोड़कर भाग गई। इस पर लागत की भरपाई के लिए स्मार्ट सिटी के फंड की मदद लेने का फैसला किया गया है। उस बारे में टैंडर लगा दिए गए हैं और वर्क आर्डर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। जो काम पूरा होने के बाद निगम के हिस्से की ड्यूटी पूरी हो सकेगी।  
- हर 500 मीटर पर होना चाहिए कम्युनिटी टॉयलेट
-हर एक किलोमीटर पर होना चाहिए पब्लिक टॉयलेट
- मौजूदा समय में बने हैं 50 पब्लिक टॉयलेट
- 80 लाख की लागत से चल रहा मुरम्मत का काम 
- दूसरे विभागों द्वारा बनाए टॉयलेट को भी खाते में जोड़ा
- 96 नए पब्लिक टॉयलेट बनाने से पूरा होगा मापदंड
- स्मार्ट सिटी के तहत लगे 8 करोड़ के टैंडरों पर जल्द जारी होंगे वर्क आर्डर
-स्वच्छ भारत मुहिम के तहत 52 हजार प्रति सीट के हिसाब से मिलेगी ग्रांट

घरों के लिए न पूरी ग्रांट मिली, न कवर हुए सारे लोग
स्वच्छ भारत मुहिम के तहत खुले में शौच की समस्या खत्म करने के लिए उन घरों को ग्रांट देने का प्रावधान भी है, जहां शौचालय नहीं बने हुए या मुरम्मत होने वाली है। उसके लिए 2011 में हुई जनगणना के सर्वे को आधार बनाया गया है। लेकिन मोदी सरकार द्वारा 2014 में घोषित स्कीम के तहत अब तक न तो सारे लोग कवर हो पाए हैं और न पूरे लोगों को ग्रांट मिल पाई है। जबकि लुधियाना को खुले में शौच से मुक्त डिक्लेयर करवाने के लिए इस योजना पर भी सौ फीसदी अमल होना जरूरी है।
-महानगर में बिना शौचालय के मार्क हुए घर : 9261
- केन्द्र से 2 किस्तों में मिलनी है ग्रांट : 4 हजार 
-अब तक 2 हजार की आधी ग्रांट लेने वाले घर : 8000
- 6700 ने निर्माण पूरा करके मांगी दूसरी किस्त
- वैरीफिकेशन के बाद बैंक में ट्रांसफर होगा पैसा
-राज्य सरकार ने नहीं दिए अपने हिस्से के : 1300 रुपए


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News