30 जून तक शर्तें पूरी नहीं कीं तो मैरिज पैलेस का बिजली-पानी बंद, होगा सील

punjabkesari.in Tuesday, Jun 13, 2017 - 12:57 AM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने खजाने में अतिरिक्त राजस्व के लिए उन मैरिज पैलेसों को 30 जून तक की मोहलत दे दी है जो सरकार द्वारा तय नियमों के मुताबिक अब तक नियमित नहीं हो पाए थे।


कैप्टन अमरेन्द्र सरकार ने यह मोहलत चाहे बढ़ा दी है मगर साथ ही वह कड़ाई के मूड में भी है। तय समय तक यदि आवेदन न हुआ तो मैरिज पैलेस पर कोई जुर्माना नहीं होगा बल्कि वह पैलेस मालिक के हाथ से निकल जाएगा। गौरतलब है कि बीते साल 16 अगस्त को पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने अनधिकृत मैरिज पैलेसों को नियमित करने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी तय की थी मगर इस बीच चुनाव होने और नई सरकार के गठन के कारण यह प्रक्रिया रुक गई थी। आवास एवं शहरी विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह सुविधा केवल उन्हीं मैरिज पैलेस मालिकों को मिलेगी जो पूर्व नीति के तहत आवेदन नहीं कर पाए थे।


पंजाब भर में विभिन्न नगर निगमों व नगर परिषदों की सीमा से बाहर स्थित 1180 मैरिज पैलेसों में से 107 ही अब तक नियमित हो पाए हैं। अब मैरिज पैलेसों को नियमित करने के आवेदन 30 जून तक किए जा सकेंगे। मगर इन आवेदनों संबंधी अंतिम निर्णय लिए जाने तक ऐसे मैरिज पैलेसों को तय कंपाऊंङ्क्षडग चार्ज अदा करने होंगे जो 10 लाख रुपए से लेकर 50 लाख रुपए तक होंगे। कंपाऊंङ्क्षडंग चार्ज में सरकार द्वारा तय किए एक्सटर्नल डिवैल्पमैंट चार्ज, सी.एल.यू. की अनुमति फीस और स्पैशल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड आदि शामिल हैं। यह चार्ज मैरिज पैलेस की जगह के हिसाब से तय होंगे। नगर निगम या म्यूनिसिपल कमेटी से दूरी और संबंधित शहर व निगम अथवा कमेटी की श्रेणी भी इसका एक मानक होगी जबकि नैशनल हाइवे आदि से सटे मैरिज पैलेसों को अतिरिक्त शुल्क अदा करना होगा। अब तक आवास एवं शहरी विकास विभाग करीब 39 करोड़ रुपए कंपाऊंङ्क्षडग फीस के तौर पर वसूल चुका है।

 

नियमित होने के लिए यह हैं शर्तें 
2.5 एकड़ तक के मैरिज पैलेस में पुरुषों के लिए ३ टॉयलेट और ७ यूरिनल्स और महिलाओं के लिए ७ टॉयलेट होने चाहिएं। पैलेस में प्रति एकड़ ज्यादा जमीन होने पर पुरुषों व महिलाओं के लिए एक-एक अतिरिक्त टॉयलेट और पुरुषों के लिए दो यूरिनल्स होने चाहिएं। दिव्यांग महिला और पुरुष के लिए एक-एक टायलेट होना चाहिए। आधा एकड़ से कम अतिरिक्त जमीन होने पर अतिरिक्तटॉयलेट नहीं बनाना होगा। नए मैरिज पैलेस की स्कूल, कालेज, अस्पताल और किसी धार्मिक स्थल से कम से कम 100 मीटर की दूरी होनी चाहिए। मैरिज पैलेस के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और संबंधित नगर निगम या परिषद से एन.ओ.सी. या अनुमति लेना जरूरी है। मैरिज पैलेस से पार्किंग की दूरी 100 मीटर से ज्यादा न हो और वहां तक जाने के लिए न्यूनतम 40 मीटर चौड़ी सड़क होनी जरूरी है। यदि मैरिज पैलेस के पास अपनी पार्किंग नहीं है तो उसके पास कम से कम तीन साल के लिए उक्तपार्किंग की जमीन की लीज होनी चाहिए।

 

पॉलिसी बनाने में लगे थे 5 साल, फिर भी दस फीसदी मैरिज पैलेस ही हुए नियमित
पूर्व सरकार को मैरिज पैलेसों को नियमित करने की पालिसी बनाने में ठीक पांच साल लगे थे। साल 2012 में अगस्त में इस संबंधी काम शुरू हुआ था मगर इसमें 2013 और 2015 में भी संशोधन होते रहे। इसके बावजूद नगर निगम या परिषद की सीमा से बाहर 1180 मैरिज पैलेसों में से 107 ही अब तक नियमित हो पाए हैं।

 

मैरिज पैलेस की नगर निगम की सीमा से दूरी
लुधियाना                              15 किलोमीटर
जालंधर                                10 किलोमीटर
अमृतसर, पटियाला व फगवाड़ा 7 किलोमीटर
भटिंडा, मोगा व पठानकोट       5 किलोमीटर
ए-श्रेणी की नगर परिषद          5 किलोमीटर
बी-श्रेणी की नगर परिषद         3 किलोमीटर
सी-श्रेणी की नगर परिषद         0 किलोमीटर

 

अनियमित पैलेस पर यह कार्रवाई होगी
तय समय में नियमित न कराने वाले मैरिज पैलेस की वाटर सप्लाईव सीवरेज और बिजली कनैक्शन आदि काट दिए जाएंगे। मैरिज पैलेस को सील कर दिया जाएगा और उसे अनधिकृत भवन मानते हुए उसे गिराने के साथ ही पैलेस मालिक पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।


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