मौड़ मंडी ब्लास्ट मामलाःहनीप्रीत व राम रहीम को प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब लाने की तैयारी!

punjabkesari.in Sunday, Feb 11, 2018 - 12:10 PM (IST)

बठिंडा(विजय): मौड़ मंडी बम ब्लास्ट मामले के तार डेरे से जुडने को लेकर खुफिया एजैंसियां पूरी तरह सतर्क हो चुकी हैं। पुलिस को कुछ ऐसे सुराग हाथ लगे हैं जिसमें हनीप्रीत की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। एस.आई.टी. को मिले इनपुट में जब मौड़ मंडी ब्लास्ट के लिए वर्कशाप में कार को तैयार किया जा रहा था तब हनीप्रीत का वहां आना-जाना बना हुआ था।

डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम भी उसके साथ ही वर्कशाप में आता-जाता रहता था। पुलिस द्वारा बनाई गई एस.आई.टी. जल्दी ही डेरा मुखी व हनीप्रीत को प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब लाकर पूछताछ कर सकती है। डेरा मुखी के सुरक्षा कर्मी अमरीक सिंह की भी इस मामले में अहम भूमिका संबंधी पुलिस को कुछ सुराग हाथ लगे हैं जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।

इससे पहले पुलिस के लिए डेरे की वर्कशाप के इंचार्ज गुरतेज काला की गिरफ्तारी अहम है जो डबवाली के पास गांव आलीके का रहने वाला है। इसी ने ही कबाड़ में से खरीदी गई मारुति कार की डैंटिंग-पेंटिंग करवाकर उस पर रंग-रोगन करवाया था। शक है कि आर.डी.एक्स भी इसी ने फिट करवाया था। पुलिस ने इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में कुछ टीमें भेजकर छापामारी की लेकिन अभी तक उसके हाथ दोनों में से कोई नहीं लगा। एस.आई.टी. का कहना है कि इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद ही आगे की कडियां जुड़ेंगी। 

डेरे में पहुंचे आर.डी.एक्स को लेकर पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस से बनाया संपर्क 

डेरे में आखिर आर.डी.एक्स कैसे पहुंचा, को लेकर पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस से लगातार संपर्क बना रखा है और तेजी से इसकी जांच की जा रही है। हरियाणा पुलिस ने भी इस मामले को लेकर एक एस.आई.टी. गठित की है। 

डेरा मुखी के पुश्तैनी गांव गुरुसर मौडिय़ा में छिपा हो सकता है काला!
मौड़ मंडी बम कांड में जिस काला को शामिल माना जा रहा है, वह बम कांड के समय फरार नहीं हुआ, मगर 25 अगस्त 2017 को जब डेरा मुखी को सजा हुई तो पंजाब व हरियाणा में बड़े स्तर पर दंगे भड़क गए। इसी दौरान डेरे में एक लैक्सस कार जलाई गई, जिसके साथ कुछ खास सबूत जलाए जाने का शक था। कार जलाने के आरोपों तहत सिरसा पुलिस ने जब काला को नामजद किया तो काला फरार हो गया और आज तक गिरफ्तार नहीं हो सका। अगर काला डेरा मुखी की शह पर बम कांड के बावजूद डेरे में डटा रहा तो स्पष्ट है कि बम कांड के बारे में डेरा मुखी को भी जानकारी थी। सूत्रों की मानें तो काला करीब डेढ़ महीना डेरा मुखी के पुश्तैनी गांव गुरुसर मौडिय़ा में छिपा रहा। 

काला की हो सकती है हत्या!
बम कांड का मुख्य आरोपी कभी नहीं चाहेगा कि पुलिस उस तक पहुंचे इसलिए हो सकता है कि वह पुलिस के काला तक पहुंचने से पहले ही उसका कत्ल करवा दे। यह संभव है कि उसका कत्ल हो ही चुका हो।

इन पर भी है शक की सूई
*अवतार सिंह तारी निवासी मजूमाजरा (हरियाणा), जो बारूद व धमाकों का माहिर है और डेरा मुखी की फिल्मों में बम धमाकों के सीन करवाता था। शक है कि इसने धमाके  की सामग्री तैयार की थी। 
*अमरीक सिंह निवासी भिक्खी, जो डेरा मुखी का पी.एस.ओ. रहा है। इस पर शक इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बम धमाके में इस्तेमाल किया गया कुकर सुनाम की एक फैक्टरी का बना हुआ था। 

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
डी.आई.जी. रणबीर सिंह खटड़ा का कहना है कि गंभीर मामला है, इसलिए वह अभी कुछ खास नहीं बता सकते लेकिन उनकी टीम मामला सुलझाने के काफी निकट पहुंच चुकी है। 
जल्दी ही मुख्य आरोपियों तक पहुंचकर मामले का खुलासा किया जाएगा।


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