विवादों में घिरे बाजवा, चुनावी शपथ पत्र में नहीं किया 30 करोड़ के लोन का जिक्र

punjabkesari.in Tuesday, Mar 13, 2018 - 04:18 PM (IST)

चंडीगढ़/गुरदासपुरः कादियां से कांग्रेस विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा विवादों में फंसते ही जा रहे हैं। यहां वह पंजाब एंड सिंध बैंक के करीब 30 करोड़ रुपए के लोन को वापिस करने में असफल रहे हैं। वहीं अब वह अपने चुनावी शपथ पत्र इस ऋण का खुलासा न करके विवादों में घिर गए हैं।

 

उल्लेखनीय है कि बैंक ने जनवरी 1995 में बाजवा एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 1.03 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी ऋण सीमा के साथ 50 लाख का कर्ज दिया था। इस कंपनी की स्थापना प्रताप सिंह बाजवा ने 1993 में की थी।  ऋण को लिए 23 साल बीतने के बावजूद बाजवा ब्रदर्स इसे लौटाने में असफल रहे। इस कारण ऋण राशि बढ़कर 30 करोड़ के करीब हो गई।  बैंक की शिकायत के बाद चंडीगढ़ की डैबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डी.आर.टी.) ने बजावा ब्रदर्स के साथ उनक मां गुरबचन कौर,फतेह जंग की पत्नी हनीला तथा इनके भागीदार फिरोजपुर के जगदीश बिश्नोई को 13 मार्च को सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश जारी किया था। 


गौरतलब है कि फतेह जंग ने अपने चुनाव शपथ पत्र में  निवेश स्तंभ में दिखाया था कि उनके पास बाजवा एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 5,72,619 के शेयर हैं।देनदारियों के कॉलम में उन्होंने पंजाब और सिंध बैंक के बकाया ऋण का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने शपथ पत्र में 23 दिसंबर 2016 को देना बैंक के केवल 15.13 लाख बकाए ऋण का उल्लेख किया था। इस संबंधी विधायक फतेह जंग ने कहा कि हम भुगतान करने के लिए तैयार हैं। इस मामले में बैंक के साथ बातचीत चल रही है। 


इस मामले पर चंडीगढ़ के पूर्व सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन ने  कहा कि चुनावों में उम्मीदवार के लिए शपथपत्र में सभी संपत्तियों और देनदारियों का उल्लेख करना आवश्यक होता है। बाजवा न ऐसा न करके नियमों की उल्लंघना की है। वहीं बैंक ने दावा किया है कि सितंबर 2005 में कंपनी ने एक बार सेटलमेंट स्कीम के तहत 24 माह के अंदर 1 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए बाजवा ब्रदर्स को कहा था, लेकिन यह भुगतान नहीं कर सके। इसके चलते अब रकम 30.80 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है

 


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