ईराक में मरे भारतीयों के बावजूद अवैध ट्रैवल एजैंटों पर नहीं कसा जा रहा कसंजा

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 04:06 PM (IST)

चंडीगढ़ः विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा ईराक के मोसुल में 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि करने के बाद एक बार फिर अवैध ट्रैवल एजैंटों तथा इमीग्रेशन एजैंसियों के खिलाफ शिंकजा कसने की तैयारी की जा रही है। अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 1181 पंजीकृत तथा गैर पंजीकृत ट्रैवल एजैंटो की संख्या 10 हजार के करीब है। वह पंजाबियों को डॉलर के सपने दिखाकर गैर कानूनी तरीके से विदेशों में भेज देते है। 
 

पंजाब में जालंधर में सबसे अधिक 287 ट्रैवल एजैंट है। इसके बाद लुधियाना यहां 170 जबकि अमृतसर 137 ट्रैवल एजैंटों के साथ तीसरे नंबर पर है।  इस मामले पर अमृतसर ग्रामीण के एस.पी. हरपाल सिंह का कहना है कि 25% इमिग्रेशन एजैंट पंजीकृत हैं। बाकी सब अवैध रूप से अपना व्यापार चला रहे है।  
 

 

उन्होंने बताया कि 2017 में अमृतसर में ही केवल 13 इमीग्रेशन एजैंटों पर विभिन्न अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। ईराक में मारे गए 27 पंजाबियों के मामले भी जांच के दायरे में है। ईराक में मारे गए पंजाबियों के परिवार अभी सदमे में हैं।  वह उनसे जल्द मुलाकात कर पता लगाएंगें किस ट्रैवल एजैंट के जरिए उनके परिवारिक सदस्य ईराक गए थे।

 

वहीं जालंधर के डिप्टी कमिश्नर वरिंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि जालंधर से 6 डी.एन.ए. सैंपल भेजे गए थे,जो मैच हो गए हैं। उन्होंने उनके परिवारों से मुलाकात की है। पर अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि वह किस ट्रैवल एजैंट के माध्यम से ईराक गए थे। उन्होंने माना कि पंजाब में काफी संख्या में ट्रैवल एजैंट रजिस्टर नहीं है। 
 

 

लुधियाना में आई.आई.ए.एस. ओवरसीज एजुकेशन सर्विसेज के हरदीप कुमार ने कहा कि कई इमिग्रेशन एजैंट सही ढंग से काम करते हैं, वह खुद आगे आकर पंजीकरण  करवाते हैं। पंजाब के अधिकांश छात्र कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड स्टडी वीजा पर जाते हैं। 


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