मंत्री बनाने व अफसरों की तैनाती में परनीत कौर की भी नहीं चली

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2017 - 09:40 AM (IST)

पटियाला (राजेश) : 10 वर्ष सेसत्ता वनवास के बाद पंजाब की सत्ता पर काबिज हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपनी कैबिनेट बनाने के मामले में जहां हाईकमान की नहीं सुनी, वहीं उनकी धर्मपत्नी की भी इस मामले में नहीं चली।सूत्रों के अनुसार अपने लोकसभा हलके के चहेते विधायकों को मंत्री और अपने पसंद के अफसरों को डी.सी. न लगवा सकने के कारण परनीत कौर काफी परेशान हैं। यही कारण है कि आजकल अपने वर्करों के प्रति भी उनका व्यवहार रूखा हो गया है। सूत्रों के अनुसार परनीत कौर को मिलने के लिए जो वर्कर जा रहे हैं, उन्हें या तो मिलने का समय नहीं मिल रहा। अगर कोई वर्कर मिलते भी हैं तो उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही है। 

कंबोज को मंत्री बनाने में नाकामयाब 
जानकारी के अनुसार परनीत कौर पिछले 20 सालों से जिला कांग्रेस कमेटी पटियाला देहाती के प्रधान और राजपुरा से दूसरी बार बड़ी लीड से विधायक बने हरदयाल सिंह कंबोज को कैबिनेट में स्थान दिलाना चाहते थीं, इसलिए उन्होंने अमरेंद्र सिंह के साथ बात भी की पर वह हरदयाल सिंह कंबोज को मंत्री बनाने में नाकामयाब रहीं। यहां तक कि उनके अपने जिला पटियाला में डिप्टी कमिश्नर की तैनाती के मामले में परनीत कौर से नहीं पूछा गया। समूची लिस्ट रिटायर्ड आई.ए.एस. और मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसीपल सचिव तैनात हुए सुरेश कुमार द्वारा ही जारी की गई है। 

कबीरदास को छोडऩी पड़ी थी पार्टी 
सूत्रों के अनुसार जिला पटियाला में हरदयाल सिंह कंबोज, मदन लाल जलालपुर और शुतराणा रिजर्व हलके से निर्मल सिंह को टिकट परनीत कौर ने जिद कर दिलाई थी। शुतराणा हलके की टिकट दिलाने के लिए वह इतने अड़ गई थीं कि इसके लिए टकसाली कांग्रेसी और कैप्टन सरकार के समय पटियाला के वरिष्ठ डिप्टी मेयर रहे दलित नेता कबीरदास को पार्टी छोडऩी पड़ी। सूत्रों के अनुसार 2019 की लोकसभा चुनावों में परनीत कौर ही पटियाला से चुनाव लडऩा चाहती हैं वह चाहती हैं कि कंबोज को हर हालत में मंत्री बनाया जाए क्योंकि राजनीतिक तौर पर हरदयाल सिंह कंबोज परनीत कौर का समूचा कामकाज देखते हैं।


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