पंजाब का वर्ष 2017-18 के लिए 11,82,37,90,36,000 रुपए का बजट पारित
punjabkesari.in Friday, Jun 23, 2017 - 12:40 AM (IST)
चंडीगढ़(पराशर): पंजाब विधानसभा ने ध्वनिमत से द पंजाब एप्रोप्रिएशन (नंबर-2) बिल 2017 पारित कर दिया जिसमें प्रदेश के कंसोलिडेटिड फंड से 11,82,37,90,36,000 रुपए निकालकर वर्ष 2017-18 में खर्च का प्रावधान किया गया है।
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि पिछली सरकार में केंद्र से कैश क्रैडिट लिमिट (सी.सी.एल.) का 29,919.96 करोड़ रुपए के बकाया को अगले 20 वर्षों के लिए कर्ज में तबदील करने के लिए कौन जिम्मेदार है। इसकी निशानदेही के लिए एक आंतरिक ऑडिट आरंभ कर दिया गया है। ऑडिट रिपोर्ट आने के पश्चात इस ‘पाप’ के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितने भी बड़े क्यों न हों, कोई लिहाज नहीं होगी। इस आशय की घोषणा पंजाब विधानसभा में वर्ष 2017-18 के बजट अनुमान पर बहस के दौरान उठाए गए मुद्दों का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने की।
उन्होंने कहा कि सी.सी.एल. के बकाया को लेकर केंद्र से गत कई वर्षों से पंजाब का झगड़ा चल रहा था लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि पंजाब विधानसभा चुनाव परिणामों के ठीक एक दिन पहले तत्कालीन बादल सरकार ने इस बकाया को कर्ज में तबदील करना मान लिया जिसकी अदायगी अगले 20 वर्षों तक हर माह की जाएगी। इससे राज्य सरकार को 270 करोड़ रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त देने होंगे और अगले 20 वर्षों में इसकी देनदारी बढ़कर 3240 करोड़ रुपए हो जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह केवल कागजी कार्रवाई नहीं थी, इस कारनामे के जरिए बादल सरकार ने जाते-जाते पंजाब की आने वाली पीढिय़ों को भी केंद्र के पास गिरवी रख दिया। इससे बड़ा पाप क्या हो सकता है। इससे भी बड़ी दुखदायी बात यह है कि यह समझौता 10 मार्च, 2017 को विधानसभा चुनाव परिणामों के आने से ठीक एक दिन पहले किया गया। मनप्रीत ने कहा कि बजट में घाटे को पूरा करने हेतु उन्होंने जी.एस.टी. पर उम्मीद लगा रखी है। केंद्र सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जी.एस.टी. के कारण पंजाब की आय प्रति वर्ष 14 प्रतिशत बढ़ेगी और अगले 5 वर्षों में यह दोगुनी हो जाएगी। यदि ऐसा होता है तो पंजाब की अर्थव्यवस्था पुन: अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टैक्सों की उगाही में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बजट के मुख्य बिंदु
-1500 करोड़ रुपए किसानों की कर्ज माफी
-180 करोड़ रुपए का ऋण चीनी सहकारिता मिलों द्वारा गन्ना उत्पादकों की अदायगी के लिए
-फसलों की खराबी का मुआवजा 8000 से बढ़ाकर 12000 प्रति एकड़ करना